
मेरठ। 20 दिसंबर को सीएए (CAA) को लेकर हुई हिंसा में फायरिंग (Firing) के आरोपी 20 हजार के इनामी अनीस खलीफा को पुलिस ने गिरफ्तार (Arrest) कर लिया है। उसके साथ ही एक और आरोपी शाने आलम को भी पुलिस (Police) ने दबोचा है। अनीस खलीफा ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि वर्ष 1987 में मेरठ में दंगे (Riots) में उसका भाई मारा गया था। उसकी मौत का बदला लेने के लिए ही उसने उसने हथियार उठाकर पुलिस को निशाना बनाया।
20 दिसंबर को एक साथ शहर में चार थाना क्षेत्रों के आठ स्थानों पर हिंसा हुई थी। पुलिस ने 24 मुकदमों में 180 नामजद और पांच हजार अज्ञात शामिल किए थे। 178 बवालियों को फोटो और वीडियो से चिन्हित किया। फरारी के बाद 28 पर पांच-पांच हजार रुपये इनाम घोषित किया। चेहरा छिपाकर फायरिंग करने वाले अनीस खलीफा और अनस की पहचान कर 20-20 हजार का इनाम घोषित किया। अनस को पुलिस पहले ही जेल भेज चुकी है।
लिसाड़ी गेट पुलिस ने 20 हजार के इनामी अनीस खलीफा पुत्र रियाजुद्दीन निवासी ऊंचा सद्दीक नगर को और एक अन्य शाने आलम निवासी गैस गोदाम के साथ गिरफ्तार कर लिया। अनीस से तमंचा भी बरामद किया है। इंस्पेक्टर प्रशांत कपिल ने बताया कि पूछताछ में अनीस खलीफा ने बताया कि 1987 के दंगे में उसके भाई रईस की मौत हो गई थी। परिवार के लोग तभी से हर हिंसा में उसे याद करते है। उसी के खून का बदला लेने के लिए हथियार उठाकर पुलिसकर्मियों पर फायरिंग की थी। बता दें कि अनीस खलीफा 2005 में तारापुरी के पप्पू उर्फ अमजद की हत्या में भी जेल जा चुका है। एसपी सिटी डा. एएन सिंह ने बताया कि आरोपी से पूछताछ चल रही है। उसके खिलाफ कार्रवाई कर जेल भेजा जाएगा।
Published on:
15 Jan 2020 07:51 pm
बड़ी खबरें
View Allमेरठ
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
