
मेरठ। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लगाया गया लॉकडाउन 31 मई तक लागू रहेगा। इस दौरान देशभर में धार्मिक स्थल बंद रहेंगे। इस फैसले के बाद ईद की नमाज सामूहिक रूप से अदा करने की गुंजाइश खत्म हो गई है। इसको लेकर प्रशासन ने सभी धर्मगुरु से अनुरोध किया है कि वे घरों में ही रहकर त्योहार को मनाएं। संभवत: सोमवार को ईद का त्योहार है। लिहाजा इस बार की ईद लॉकडाउन 4 में मनाई जाएगी। इस दौरान किसी को ईदगाह या मस्जिद में जमा होने की इजाजत नहीं रहेगी।
पिछले दिनों कलेक्ट्रेट में धर्मगुरूओं की बैठक में शादी व अंतिम संस्कार के लिए दी जाने वाली रियायतों का हवाला देते हुए ईद की नमाज भी 20-20 लोगों की जमात को 15-15 मिनट के अंतराल पर पढऩे का सुझाव देते हुए जिला प्रशासन से अनुमति मांगी गई थी। लेकिन डीएम, एसपी ने मांग खारिज कर दी थी। चौथे चरण के लॉकडाउन की गाइडलाइन आते ही ईद की नमाज अपने-अपने घरों में ही अदा करने की स्थिति साफ हो गई। शहरकाजी ने मुसलमानों से अपील की कि लॉकडाउन की गाइडलाइन के अनुसार ही अपने-अपने घरों में ईद की नमाज सादगी के साथ अदा करें। ईद पर न किसी के गले मिलें, न मुसाफा (हाथ मिलाने) करें और न ही किसी के घर जाकर सेवईं खाएं। ईद की खरीददारी की जगह गरीबों, मिस्कीनों व मदरसों में इस्लाम धर्म द्वारा निर्धारित फितरा-जकात ज्यादा से ज्यादा दें।
एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा कि इस समय सामूहिक रूप से किसी भी पर्व को मनाने की इजाजत सरकार की ओर से नहीं है। मेरठ जोन के लोग अपने घरों में बच्चों के साथ और परिवार के साथ ईद मनाएं। आईजी प्रवीण कुमार ने कहा कि लोग घरों में ईद का पर्व मनाएं। मंडलायुक्त अनिता मेश्राम ने कहा कि मेरठ रेड जोन में है। अलविदा जुम्मे की नमाज जिस तरह घरों मेे अदा की गई है, उसी तरह ईद की नमाज भी घरों मेे ही अदा होगी। डीएम अनिल ढींगरा ने कहा कि रेड जोन में किसी प्रकार की कोई छूट नहीं दी जाएगी। बाजार भी बंद ही रहेंगे। डीएम ने कहा की मेरठ प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है। सभी धर्म गुरुओं से भी बात हो गई है। उन्होंने बताया कि यूपी के अन्य जनपदों के लोगों को हम बसों द्वारा भेज चुके है। अब तक नौ हजार से अधिक लोगों को भेजा जा चुका है।
Published on:
23 May 2020 03:30 pm
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