
मेरठ। निजामुद्दीन मरकज से निकले अधिकतर जमातियों को तलाश मेरठ में पूरी हो चुकी है, लेकिन अभी कुछ जमाती लापता हैं, उनकी तलाश तेजी से चल रही है। जिले में छिपे इन जमातियों को क्वारंटीन सेंटर तक पहुंचा देना इतना आसान नहीं है। कोई भी जमाती खुद से पुलिस तक, सिविल अस्पताल या क्वारंटीन सेंटर नहीं पहुंचा। जमातियों को उसके ठिकाने से खोजकर क्वारंटीन में भेजा गया है।
खुफिया सूत्रों की माने तो क्वारंटीन सेंटर में भी ये जमाती बाज नहीं आ रहे हैं। इसलिए अब इन जमातियों के मोबाइल भी जब्त कर लिए गए हैं। जब्त किए गए मोबाइलों की काल डिटेल निकालकर पता लगाया जा रहा है कि ये लोग कहां पर गए और किन लोगों के संपर्क में रहे थे। जो लोग इनके संपर्क में रहे थे, उनसे भी जानकारी की जाएगी। इतना ही नहीं उनको भी स्वास्थ्य चेकअप होने के बाद उनको क्वारंटीन किया जाएगा। आईबी के अधिकारियों की मानें तो मरकज से निकलने के बाद ये लोग कई दिन इधर-उधर घूमे थे। जिससे इनके संपर्क में सैकड़ों लोग आए थे।
निजामुद्दीन मरकज को खाली कराने के बाद दिल्ली पुलिस ने जमातियों के मोबाइल फोन की खूब मदद ली। केवल दिल्ली पुलिस ने ही नहीं, बल्कि जिन राज्यों में ये लोग पहुंचे थे, वहां की पुलिस को भी इनके मोबाइल फोन नंबर मुहैया करा दिए गए थे। यह बात जमातियों को पता चली और वे अपने स्थानों पर न पहुंचकर अन्य दूसरे राज्यों में जाकर छिप गए, जो कि परेशानी का कारण बन गए। यही कारण रहा कि एक-एक जमाती को तलाशकर उसकी स्वास्थ्य जांच कराई गई। मेरठ पुलिस ने इनके फोन को सर्विलांस पर लगाया है। इनमें 70 फीसदी फोन चालू थे।
बता दें कि मेरठ में अभी भी करीब 100 से अधिक कोरोना संदिग्ध जिले में विभिन्न स्थानों पर छिपे हुए हैं। जिनकी तलाश की जा रही है। एडीजी प्रशांत कुमार का कहना है कि रेंज में जो भी जमाती थे उनकी तलाश सरगर्मी से की जा रही है। सभी को चिन्हित कर लिया गया है। जो लोग छिपे हुए हैं, हम उनसे बार-बार अपील कर रहे हैं कि वे सामने आ जाएं और खुद के स्वास्थ्य की जांच करवाएं। उन्होंने कहा कि जो लोग दूसरे की सेहत के लिए खतरा बनेंगे, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
Published on:
12 Apr 2020 02:23 pm
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