
मेरठ। विकास दुबे (Vikas Dubey) के एनकाउंटर (Encounter) मामले में सूबे की गरमाती सियासत के बीच अब कोर्ट (High Court) का भी सहारा लिया जा रहा है। विकास दुबे मामले में जांच को लेकर सपा (Samajwadi party) की ओर से एक पीआईएल हाईकोर्ट में दाखिल की गई है। पीआईएल मेरठ से सपा नेता अभिषेक सोम की ओर से दाखिल की गई है। सपा नेता अभिषेक सोम ने जानकारी देते हुए बताया कि विकास की मौत के बाद उसे संरक्षण देने वाले बच गए हैं। सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर इन लोगों पर कार्यवाही कब होगी।
उन्होंने कहा कि असली गुनहगार तो यही लोग हैं। विकास तो सिस्टम का एक छोटा सा मोहरा भर है। विकास ने किसके इशारे पर आठ पुलिसकर्मियों को गोली मारी, कोई तो ऐसा होगा जिसके इशारे पर विकास ने खूनी खेल खेला। ऐसे लोगों का नाम उजागर होना चाहिए। शहीद पुलिसकर्मियों को पूरा न्याय मिलना चाहिए। आधा-अधूरा न्याय शहीद पुलिसकर्मियों के साथ अन्याय होगा।
उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की जांच सीबीआई या हाईकोर्ट की निगरानी में होनी चाहिए। इसके लिए उन्होंने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने विकास का एनकाउंटर कर मामले में लीपापोती की कोशिश की है। विकास दुबे पुलिस के सामने या अदालत में जो नाम खोलता उससे सरकार तक हिल सकती थी। इसलिए ही किसी के इशारे पर विकास का एनकाउंटर किया गया है। वो इशारा किसका था यह जानना प्रदेश की जनता और विपक्ष का हक है।
Updated on:
12 Jul 2020 09:46 am
Published on:
12 Jul 2020 09:45 am
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