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इतिहास में पहली बार बंद रहेंगे इस ऐतिहासिक शिवालय के कपाट सावन के पहले सोमवार दिखा कोरोना महामारी का असर जैसा कि हम सब जानते ही हैं सावन का महीना शिव का प्रिय महीना है और इस महीने की व्रत-पूजा से वे बेहद प्रसन्न होते हैं और भक्त को मनचाहा आशीर्वाद देते हैं। इस बार सावन का महीना 6 जुलाई से शुरू हो गए और यह 3 अगस्त को समाप्त होगा। इस बार तो सावन शुरू भी सोमवार से हो रहा है जो कि बेहद शुभ है। इस बार सावन के महीने पर भी कोरोना महामारी का असर होगा और मंदिरों में पहले जैसी चहल-पहल व धूमधाम नहीं होगी। भक्तजनों का अपने घर में ही पूजा करना सही रहेगा क्योंकि मंदिरों के नियम भी कोरोना के चलते बदल गए हैं। इसके अलावा सावन के महीने में आयोजित की जाने वाली कांवड़ यात्रा भी इस साल नहीं होगी।
लोगों को घरों से ही त्योहार मनाने की सलाह देशभर में फैली कोरोना वायरस महामारी के कारण सभी त्योहारों को लोगों को अपने घरों में ही मनाने की सलाह दी जा रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि कोरोना वायरस काफी तेजी से संक्रमित होता है और भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में इसके फैलने का अनुमान भी ज्यादा रहता है। इस वजह से श्रद्धालुओं को इस साल सावन भी अपने घरों में रहकर ही भोले की पूजा-अर्चना की। बता दें कि सावन में हर साल लाखों श्रद्धालु भगवान शिव की विशेष रूप से आराधना और अभिषेक करते हैं, लेकिन इस साल कोरोना वायरस के कारण मंदिरों में होने वाले जलाभिषेक पर रोक लगी रही। मंदिरों ने सावन के महीने में बड़ी संख्या में दर्शन करने के लिए आने वाले भक्तों के लिए पूरी तैयारी कर ली थी, लेकिन प्रशासन ने मंदिरों के कपाट खोलने की अनुमति प्रदान नहीं की।
एसपी सिटी डाॅ. एएन सिंह ने बताया कि सभी मंदिरों के बाहर एहतियात के तौर पर फोर्स तैनात की गई है। कहीं से भी जबरन पूजा-अर्चना का कोई समाचार नहीं प्राप्त हुआ है। यह भी पढ़ें-
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