इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि भारत में हिंदुओं और मुसलमानों व अन्य धर्मों के लोगों के दरम्यान रवायती बिरादरान रिश्ते भारत की आजादी की लड़ाई से पहले, लड़ाई के दौरान और इस लड़ाई के बाद भी मौजूद रहे हैं। यह बाते कबाड़ी बाजार मदरसे में ध्वजारोहण के दौरान मौलाना साबिर ने कहीं। महानगर के दीनी इदारों में धूमधाम से कार्यक्रम आयोजित किए गए। ध्वजारोहण के बाद राष्ट्र गीत की धूम रही। मदरसों में छात्रों ने देशभक्ति से ओतप्रोत कार्यक्रम प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया। मदरसों में सारे जहां से अच्छा हिन्दुस्तां हमारा गूंजता रहा।
हापुड़ रोड पर मदरसा जामिया मदनिया पर हाथों में तिरंगा लिए बच्चों ने सुबह प्रभात फेरी निकाली। ध्वजारोण हुआ तो सभी ने तिरंगे को सलामी दी। मुख्य अतिथि के रूप में एसपी सिटी डॉक्टर अखिलेश नारायण सिंह शामिल हुए। इस दौरान कारी शफीकुर्रहमान, कारी अफ्फान कासमी, हाजी जब्बार, हाजी इकबाल, खालिद, नवेद, मौलाना अली रजा, मौलाना असलम, रईसुद्दीन सैफी, क्य्यूम सैफी, यासिर, समेत मदरसे के तमाम तलबा मौजूद रहे। वहीं, अजराड़ा मदरसे में भी कार्यक्रम हुआ। ध्वजारोहण और अन्य कार्यक्रम के साथ मौलाना गुलजार अहमद कासमी ने गणतंत्र दिवस की सभी को मुबारकबाद दी।
शहर के सदर बाजार स्थित मदरसा इमदादुल इस्लाम में भी गणतंत्र दिवस की धूम रही। इमदादुल इस्लाम मदरसा में मौलाना चतुर्वेदी ने कहा कि भारत की गंगा जमुनी तहजीब ही हमारी साझा संस्कृति की मिसाल है जिसे हमे हमेशा जिंदा रखना होगा ताकि आपसी भाईचारा बना रहे। आज भी भारत की गली कूंचों में कई ऐसे धार्मिक स्थान, दरगाह और अन्य महत्वपूर्ण स्थल मिल जाएंगे जहां सभी मजहब के लोग श्रद्धासुमन अर्पित करने वाले और मनौती मांगने आते हैं। देश के लिए जब बात आती है तो सभी आपसी भेदभाव भूलकर एक साथ खडे़ हो जाते हैं।