
मेरठ। यूपी विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत हो चुकी है। सत्र से पूर्व जिस तरह विपक्ष लामबंद हुआ है और बजट सत्र के दौरान जिस तरह से हंगामा किया उससे उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को बजट सत्र में विपक्ष के गुस्से के कारण विरोध झेलना पडा है। इस बजट सत्र में अगले वित्तीय वर्ष का पूर्ण बजट16 फरवरी को सरकार पेश करेगी। ये योगी सरकार का दूसरा बजट होगा। विपक्ष अभी से सरकार के इस बजट को महज कोरा आश्वासन करार दे चुका है।
पहले घोषणा पत्र ही पूरा कर दें
सपा सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री शाहिद मंजूर से बात की गई तो उनका कहना था कि पिछले साल बजट में सरकार की ओर से फसली ऋण माफ करने के मद में 36,000 करोड़ रुपये और सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के लिए 34,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त संसाधन जुटाने का प्रस्ताव होने की उम्मीद की गई थी, लेकिन अभी तक पूरी नहीं हो पाई है। भाजपा सरकार ने अपने चुनावी घोषणापत्र में किए गए कुछ अन्य वादों को भी पूरा नहीं किया है।
ऋण कम कर दे, यही सफलता
कांग्रेसी नेता अभिमन्यु त्यागी ने कहा कि पिछले बजट में सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2012-13 में राज्य का कुल ऋण 2, 25,123.59 करोड़ रुपये था जो 2017 में 31 मार्च तक बढ़कर 3, 75,049.45 करोड़ रुपये हो गया था। प्रदेश सरकार अगर कुल ऋण को कम करने में सफल हो गई तो यह उसकी थोडी-बहुत उपलब्धि हो सकती है। उन्होंने कहा कि सरकार को गरीबों के स्वास्थ्य और बेरोजगारी की तरफ ध्यान देना चाहिए। सरकार ने अभी तक पिछले बजट का ही वादा पूरा नहीं किया। गरीबों को निशुल्क दवाइयों की पूर्ति का वादा किया गया था, लेकिन सरकारी अस्पतालों में अब भी गरीबों को बाहर से दवाइयां खरीदनी पडती है। प्रदेश में सड़कें बेहाल हैं।
Updated on:
16 Feb 2018 11:56 am
Published on:
15 Feb 2018 10:52 pm
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