
सौरभ राजपूत को जिस बेदर्दी से मारा गया, इसे लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे अपराध हमेशा नशे की हालत में ही हो सकते हैं। कुछ ऐसा ही खुलासा सौरभ हत्याकांड में भी हो रहा है। पुलिस भी पहले ही अंदेशा जता चुकी थी कि दोनों नशे में थे लेकिन किस स्तर का नशा दोनों करते थे, इसका खुलासा मुस्कान और साहिल के सलाखों के पीछे जाने के बाद हो रहा है।
जेल में दाखिल होने के बाद मुस्कान और साहिल नशे के लिए तड़प रहे हैं। नशा भी ऐसा वैसा नहीं बल्कि वह जिसे ‘ड्रग एडिक्ट’ इस्तेमाल करते हैं। यह लत दोनों को कैसे लगी यह भी सवाल है।
चार दिन पहले मुस्कान और साहिल को न्यायिक अभिरक्षा में चौधरी चरण सिंह जिला कारागार में दाखिल किया गया। अंदर के माहौल को लेकर दोनों डरे हुए थे, जिन्हें पुलिसकर्मियों ने अपने तरीके से मैनेज किया। भरोसा दिलाया कि दोनों की बैरक पास ही रहेगी। लेकिन जैसे ही अंदर पहुंचे दायरा बढ़ता गया।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मुस्कान को महिला बंदियों की मुलाहिजा बैरक नंबर 12 तो साहिल को पुरुष बंदियों की मुलाहिजा बैरक 18 में रखा गया। रात में ही मुस्कान की हालत बिगड़ गई, जिसके बाद चिकित्सकों ने उसके ड्रग एडिक्ट होने का खुलासा करते हुए उपचार शुरू किया।
Updated on:
23 Mar 2025 08:59 am
Published on:
23 Mar 2025 08:55 am
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