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पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क
मेरठ ( meerut news ) भारतीय किसान यूनियन ( BKU ) की कृषि बिल वापसी समेत अन्य मांगों को लेकर सहारनपुर से शुरू हुई किसान यात्रा के गाजीपुर बार्डर कूच करने के बाद हाइवे पर ट्रैफिक व्यवस्था शुक्रवार को धड़ाम हो गई। स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि नेशनल हाइवे-58 (traffic jam) से निकलने वाले सभी वाहनों को वाया हापुड़ से निकाला गया। मोदीपुरम से लेकर परतापुर तक तो ट्रैफिक का बुरा हाल था। इसी तरह से परतापुर के आगे भी व्यवस्था बेकाबू हो गई। हाइवे पर वाहनों की लंबी-लंबी कतार लग गईं हैं। दोपहर के समय वाहन जाम में फंस गए और यात्री गर्मी में बिलबिलाते रहे।
सहारनपुर ( Saharanpur ) से भाकियू के बैनर तले किसान यात्रा शुरू की गई है जिसमें आगे चलकर मुजफ्फरनगर के किसान और अब मेरठ के किसान भी इस यात्रा में शामिल हो गए हैं। यात्रा का समापन गाजीपुर बार्डर पर होना है जहां पर किसान पिछले कई महीने से धरने पर बैठा हुआ है। शुक्रवार को किसान यात्रा मेरठ से होकर गाजियाबाद के लिए प्रस्थान कर रही थी। इसलिए मेरठ में एनएच 58 पर भारी वाहनों का दबाव बढ गया। परिणामस्वरूप अधिक वाहनों का दवाब बढ़ने से हाइवे की यातायात व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो गई। स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वाहनों का अधिक दवाब बढ़ने से परतापुर बाईपास पर वाहनों की लंबी-लंबी कतार लग गई। बाईपास पर सरधना मोड, शोभापुर चौराहा, कंकरखेडा चौराहा और सुभारती के पास भी वाहनों की लंबी-लंबी कतार लग गई। दोपहर के समय तो रोड पर वाहनों की भीड़ के चलते लोगों का हाल-बेहाल हो गया। इन स्थानों पर कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया। जाम में फंसकर सबसे बुरा हाल महिलाओं और बुजुर्गों का हुआ। जाम खुलवाने के लिए यातायात पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी है।
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Updated on:
25 Jun 2021 10:39 pm
Published on:
25 Jun 2021 10:01 pm
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