वहीं यह भी कहा जा रहा है कि अरब सागर से उठ रही हवाएं चक्रवात का रूप ले सकती है। जिसके चलते नोएडा और आसपास के शहरों समेत पूरे उत्तर भारत में आसमान में भी अंधेरा छाया रहेगा। वहीं इसके चलते प्रदूषण भी बढ़ेगा।पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने यूरोपीय मौसम विभाग के हवाले से बताया है कि एंटी साइक्लोन (अंधड़) अभी लक्ष्यदीप में है।
ईरान और पाकिस्तान के बाद इसकी उत्तर भारत में आने की आशंका है। जिसकी जानकारी पर्यावरण मंत्रालय और मौसम विभाग को भी दी घई है। बताया जा रहा है कि इसे लेकर जल्द ही कोई बड़ी बैठक की जा सकती है। पर्यायवरणविद् विक्रांत तोंगड़ का कहना है कि जिस तरह से दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर पिछले साल बढ़ गया था। इस बार भी ऐसा होने से पहले कड़े कदम उठाए जाने की जरूरत है। ताकि स्थिति खराब होने से रोका जा सके।
इस तारीख को आ सकता है तूफान मौसम विभाग के अनुसार 10 अक्टूबर को भारत में अंधड़ के पहुंचने की आशंका है और इसका प्रभाव करीब एक सप्ताह तक रहेगा। इसके चलते बंगाल की खाड़ी में लो प्रेशर सिस्टम इंडो-गंगा के मैदानी इलाकों में बनेगा और फिर दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में हवा में प्रदूषण का स्तर खराब हो जाएगा।
पराली के जलने से लोग होंगे प्रभावित वहीं विशेषज्ञों की मानें तो कुछ दिनों बाद ही वेस्ट यूपी समेत कई राज्यों में धान की कटाई शुरू हो जाएगी। वहीं हर बार की तरह 15 से 17 अक्टूबर के बीच पराली जलने का सिलसिला शुरू हो जाएगा और इस दौरान दिल्ली-एनसीआर की हवा पर और अधिक असर पड़ने की आशंका है। सीपीसीबी के एयर बुलेटिन के अनुसार, अक्टूबर की शुरुआत में ही गाजियाबाद का एयर इंडेक्स 248, ग्रेटर नोएडा का 202 और नोएडा का 257 दर्ज हुआ।