
वेस्ट यूपी की सबसे बड़ी तमंचा फैक्ट्री पकड़ने के बाद पुलिस अफसर सिर पकड़कर बैठ गए, कुएं से होती थी सप्लार्इ
मेरठ। मेरठ और मुजफ्फरनगर के ग्रामीण क्षेत्र के कुछ गांव तमंचा बनाने के लिए बदनाम हो चुके हैं। जब से इन गांवों में पुलिस का छापा पड़ा। तमंचा बनाने वाले लोगों ने अपना ठिकाना भी बदल दिया। ये लोग अब गांव में नहीं जंगल में खेतों के बीच बने ट्यूबवेल में मौत उगलने वाले हथियारों को बनाने का काम करते हैं। मेरठ पुलिस ने जिस तमंचा बनाने वाली फैक्ट्री को पकड़ा है उसके उपकरण और बने हुए तमंचे देखकर खुद पुलिसकर्मी और अधिकारी भी हैरान है। मेरठ के पुलिस अधिकारियों का दावा है कि उनकी टीम ने पश्चिम उत्तर प्रदेश में तमंचा बनाने वाली इससे बड़ी फैक्ट्री कभी नहीं पकड़ी। मौके से पुलिस को करीब 500 बने हुए तमंचे बरामद हुए है। तमंचे को देख पुलिस भी हैरान है।
यह भी देखेंः अब गाजियाबाद में लव जिहाद के नाम मॉब लिंचिंग
तमंचे का जखीरा कुएं से निकालकर देते थे
सरधना इंस्पेक्टर ने तमंचा फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया। पुलिस ने मौके से तमंचा बनाने वाले तीन कारीगरों को हिरासत लिया है। इसके बाद पुलिस ने गांव भामौरी में दबिश देकर दो और लोगों को हिरासत में लिया है। फिलहाल पकड़े गए आरोपियों से पुलिस पूछताछ कर रही है। तमंचा बनाने वाली फैक्ट्री गांव से कुछ ही दूरी पर स्थित ट्यूबवेल के ऊपर बने कमरे में चल रही थी। कारीगर तमंचा बनाकर उनको बोरे में भरकर ट्यूबवेल के कुएं में लटका दिया करते थे। जब उनकी डिलीवरी लेने कोई आता था तो कुएं से निकालकर दे देते थे।
500 तमंचों के साथ पांच गिरफ्तार किया
बता दें कि सरधना पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर देर रात भामौरी गांव के जंगल में छापेमारी की। पुलिस ने छापेमारी के दौरान करीब 500 से ज्यादा बने और अधबने तमंचे बरामद किए हैं। इसके अलावा कारतूस व तमंचा बनाने के उपकरण बरामद किए गए हैं। पुलिस ने कुल पांच लोगों को हिरासत में लिया है। सूचना मिलने पर सीओ भी मौके पर पहुंच गए और मामले की पूरी जानकारी ली। पुलिस का कहना है कि मामले में जांच की जा रही है। सीओ ने कहा जांच पूरी होने के बाद आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। माना जा रहा है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इससे बड़ी तमंचा फैक्ट्री पहले कभी नहीं पकड़ी गई। यही नहीं पकड़े गए असलहे को देख पुलिस अफसर भी हैरान रह गए। पुलिस बाकी आरोपियों की तलाश में ताबड़तोड़ दबिश दे रही है।
कार से सप्लाई, बोरे में भरकर ले जाते थे सप्लायर
तमंचे की इस फैक्ट्री से एक-दो तमंचों के आर्डर नहीं होते थे। यहां से सौ से अधिक के आर्डर सप्लाई किए जाते थे। तमंचों को बोरे में भरकर कार में ले जाया जाता था। पकड़े गए कारीगरों ने बताया कि वे लोग प्रतिदिन 20 से अधिक तमंचे बना दिया करते थे। तमंचों की सप्लाई सप्ताह में एक बार होती थी। जब ज्यादा आर्डर होता था तो दिन-रात तमंचे बनाए जाते थे।
Published on:
01 Aug 2018 10:55 pm
बड़ी खबरें
View Allमेरठ
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
