Bullying by Inspector in Mirzapur: मिर्जापुर के "चश्मा प्वाइंट" नामक दुकान में एक पुलिस इंस्पेक्टर बिना पैसे दिए जबरन चश्मा लेकर चला गया। दुकानदार ने जब पैसे मांगे तो इंस्पेक्टर ने गालियां दी और धमकाते हुए कहा - "जो करना है कर लो।" पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हुई है।
Bullying by Inspector in Mirzapur Threatened abused shopkeeper: उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां कानून के रक्षक ही कानून की धज्जियां उड़ाते नजर आए। शहर कोतवाली थाना क्षेत्र के रमई पट्टी स्थित "चश्मा प्वाइंट" नामक प्रतिष्ठित दुकान में एक पुलिस इंस्पेक्टर द्वारा दबंगई और अभद्रता का मामला सामने आया है। आरोप है कि इंस्पेक्टर ने चश्मा बनवाने के बाद बिना भुगतान किए दुकान से जबरन चश्मा उठा लिया और पैसे मांगने पर दुकानदार को न सिर्फ गालियां दीं, बल्कि धमकाते हुए कहा - "जो करना है कर लो!"
मामला 25 जुलाई 2025 की शाम का है, जब कटरा कोतवाली में तैनात एक पुलिस इंस्पेक्टर "चश्मा प्वाइंट" दुकान पर चश्मे की मरम्मत के लिए पहुंचे थे। दुकान के मालिक डॉ. अजीत सिंह ने बताया कि इंस्पेक्टर को ग्लास की कीमत पहले ही बता दी गई थी, जो 800 रुपये थी। इसके बावजूद इंस्पेक्टर ने पैसा देने से इनकार कर दिया और ग्लास लगवाने के बाद बिना भुगतान किए दुकान से निकल गए।
घटना का पूरा वीडियो दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गया है। फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि कैसे दरोगा पहले दुकान में आता है, दुकानदार से बातचीत करता है और फिर चश्मा लेकर बाहर निकल जाता है। जब दुकानदार ने पीछे से आवाज लगाकर पैसे मांगे तो इंस्पेक्टर ने गाली-गलौज करते हुए धमकाया और कहा - "नहीं दूंगा पैसे, जो करना है जाकर कर लो!"
डॉ. अजीत सिंह ने बताया कि इंस्पेक्टर साहब ने पहले एक पुराने ब्रांड के चश्मे के लिए एडवांस में कुछ पैसा जमा किया था। लेकिन जब उन्होंने नया ग्लास लगवाया जिसकी अलग से कीमत थी, तो उसके 800 रुपये देने से साफ इनकार कर दिया। दुकानदार का कहना है कि इंस्पेक्टर का व्यवहार बेहद अभद्र और डराने वाला था।
दुकानदार डॉ. अजीत सिंह ने मामले को लेकर अपनी जान-माल की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है। उनका कहना है कि अगर वर्दीधारी लोग इस तरह से व्यवहार करेंगे, तो आम जनता कहां जाएगी? उन्होंने यह भी कहा कि यदि न्याय नहीं मिला, तो वे प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर मानवाधिकार आयोग तक गुहार लगाएंगे।
इस घटना के बाद क्षेत्र के व्यापारियों और स्थानीय लोगों में भी पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर नाराजगी देखी जा रही है। लोगों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं पुलिस पर से भरोसा उठाने का काम करती हैं। आम आदमी यदि दुकान से बिना पैसे दिए कोई चीज ले जाए, तो तुरंत कार्रवाई होती है, लेकिन जब पुलिसकर्मी ऐसा करें तो उनके खिलाफ कोई सख्त कदम क्यों नहीं उठाया जाता?
स्थानीय व्यापार मंडल और नागरिकों ने इस मामले को गंभीर मानते हुए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर वर्दी पहनकर पुलिसकर्मी इस तरह से दुकानदारों को धमकाएंगे तो व्यवसाय करना मुश्किल हो जाएगा।