गांव स्तर पर ही 100 दिन का रोजगार मनरेगा योजना में श्रमिकों के पलायन को रोकने और उन पर रोजीरोटी के संकट को कम करने के लिए उन्हें गांव स्तर पर ही 100 दिन का रोजगार देने की व्यवस्था की गई है। इससे पहले वित्तीय वर्ष 2019-20 में सबसे अधिक तीन हजार श्रमिकों को ही रोजगार दिया गया था। इसमें सिर्फ 10 लोगों को ही 100 दिन का रोजगार मिला था।
20 हजार श्रमिकों को सौ दिन रोजगार कोरोना वायरस का कहर बढ़ने के बाद लॉकडाउन में गांव स्तर पर श्रमिकों को सबसे अधिक मनरेगा से काम मिल रहा है। इस साल अब तक 30 हजार 387 परिवारों को रोजगार मिला है। वहीं करीब 10 हजार ऐसे श्रमिक हैं, जिनके सौ दिन इसी माह पूरे हो चुके हैं। विभाग ने इस साल 20 हजार श्रमिकों को सौ दिन रोजगार देने का लक्ष्य रखा है।
संख्या में इजाफा होने ज्यादा संभावनाएं डीडीओ दिग्विजय तिवारी के अनुसार मनरेगा के चालू वित्तीय वर्ष में अब तक 10,098 श्रमिकों को सौ दिन रोजगार दिया गया है। इस बार संख्या में इजाफा होने ज्यादा संभावनाएं बनी हुई हैं। आचार संहिता हटने के बाद मनरेगा की इस योजना में और तेजी देखने को मिलेगी। लोगों को रोजगार मुहैया कराया जाएगा।