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‘बॉर्डर’ के मेजर कुलदीप सिंह चांदपुरी का निधन, लोंगेवाल में पाक सेना को चटाई थी धूल

locationनई दिल्लीPublished: Nov 17, 2018 02:11:23 pm

Submitted by:

Mohit sharma

लोंगेवाल युद्ध के नायक ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह चांदपुरी का शनिवार को मोहाली के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया।

Kuldeep Singh Chandpuri

‘बॉर्डर’ के मेजर कुलदीप सिंह चांदपुरी का निधन, लोंगेवाला में पाक सेना को चटाई थी धूल

नई दिल्ली। लोंगेवाला युद्ध के नायक ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह चांदपुरी का शनिवार को मोहाली के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह 78 वर्ष के थे। वर्ष 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान मेजर रहे चांदपुरी ने राजस्थान के लोंगेवाला की प्रसिद्ध लड़ाई में महज 120 जवानों के साथ, पाकिस्तानी टैंकों के हमले का डटकर सामना किया था और उन्हें खदेड़ दिया था।

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महावीर चक्र (एमवीसी) से सम्मानित

टैंकों के खिलाफ वीरता से खड़े होने और दुश्मन को पीछे हटने के लिए मजबूर करने के लिए उन्हें महावीर चक्र (एमवीसी) से सम्मानित किया गया। ब्रिगेडियर चांदपुरी और सेना के जवानों की जीत पर बाद में बॉलीवुड ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘बॉर्डर’ बनाई गई, जिसे 1997 में रिलीज किया गया। फिल्म में सनी देओल ने उनका किरदार निभाया था।

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जन्म 22 नवंबर 1940 को एक सिख परिवार में हुआ था जन्म

ब्रिगेडियर चांदपुरी का जन्म 22 नवंबर 1940 को एक सिख परिवार में हुआ था। उस समय उनका परिवार अविभाजित भारत के पंजाब में मोंटागोमरी में रह रहा था। हालांकि चांदपुरी के जन्म के बाद उनका परिवार बालाचौर के चांदपुर रूड़की में आकर बस गया था। चांदपुरी ने 1962 में होशियारपुर के गवर्नमेंट कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। इसके तुरंत बाद ही चांदपुरी भारतीय सेना में भर्ती हो गए। पाकिस्तान के साथ 1965 के छिड़े युद्ध में चांदपुरी ने हिस्सा लिया था। जिस समय पाकिस्तानी सेना ने लोंगेवाल में हमला किया, उस समय कुलदीप मेजर थे, जबकि रिटायरमेंट के बाद ब्रिगेडियर हुए।

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मेजर कुलदीप सिंह चांदपुरी के बारे में एक बात प्रचलित है। कहा जाता है कि अगर वह नहीं होते तो आज भारत का नक्शा बदल गया होता। दरअसल, उस समय आगे बढ़ रही पाकिस्तानी फौज बड़ी आसानी के साथ जैसलमेर तक पहुंच जाती। इस दौरान उन्होंने देश के दुश्मन के मंसूबों को ध्वस्त कर दिया। रात के समय में वह बंकरों को चेक कर रहे थे और अपने जवानों का हौसला बढ़ा रहे थे। उनके कुशल नेतृत्व में भारतीय जवानों ने पाक सैनिकों को खूब छकाया और बिना किसी अतिरिक्त मदद के पाकिस्तान के 12 टैंकों को तबाह कर दिया।
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