
नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus) ने दुनिया को हिला कर रख दिया है। भारत में भी कोई शहर इससे अछूता नहीं है। महाराष्ट्र (Maharashtra) में कोरोना (Corana) का सबसे ज्यादा प्रकोप देखने को मिल रहा है। गरीब तबके के लोग दो वक्त की रोटी के लिए तरस रहे हैं। यही कारण है कि महाराष्ट्र में अप्रेल के बाद करीब 64.52 लाख उपभोक्ताओं (64.52 lakh consumers) ने बिजली का बिल (Electricity bill) जमा नहीं करवाया है। महाराष्ट्र बिजली वितरण कंपनी लिमिटेड (MSEDCL) ने यह आंकड़े हाल ही जारी किए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, द स्टेट डिस्कॉम राज्य में 2 करोड़ से अधिक उपभोक्ताओं (2 crore consumers) को बिजली आपूर्ति करता है।
7,154 करोड़ का भुगतान बकाया
स्टेट डिस्कॉम (State Discom) द्वारा जारी किए आंकड़ों के मुताबिक, महाराष्ट्र में अप्रेल के बाद अक्टूबर तक 7,154 करोड़ रुपए का बकाया राशि का भुगतान नहीं किया गया है। इसमें हाई क्लास लोगों के 946 करोड़ और लो क्लास लोगों के 5,050 करोड़ रुपए बाकी हैं। इसके अलावा स्ट्रीट लाइट और अन्य चीजों का करीब 700 करोड़ रुपए बकाया है।
कर्मचारियों को दिया बकाया राशि वसूलने का टारगेट
रिपोर्ट्स के मुताबिक, डिस्कॉम के कर्मचारियों को साल के अंत तक बकाया राशि वसूलने का टारगेट दिया है। MSEDCL के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि कर्मचारियों को उपभोक्ताओं से संपर्क साधकर जानकारी देने को कहा गया है। ताकि साल के अंत बकाया राशि वसूलने का कार्य समपन्न हो सके।
ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने की घोषणा
ऊर्जा मंत्री नितिन राउत (minister nitin raut) ने अगस्त में कहा था कि वह अप्रेल, मई और जून के लिए अधिशेष राशि का प्रभावित करके अतिरिक्त बिलों को माफ करने की योजना बना रहे हैं और राज्य के उपभोक्ताओं को दिवाली के दौरान बड़ी खुशखबरी मिलेगी। लेकिन अब मंगलवार को नितिन राउत ने कहा कि राज्य अपनी खराब वित्तीय स्थिति और केंद्र सरकार से सहायता की कमी के कारण उपभोक्ताओं को कोई राहत दे सकेंगे। नितिन राउत के इस बयान के बाद सियासत तेज हो गई है। कई बड़े नेता उन पर जमकर निशाना साध रहे हैं।
Updated on:
19 Nov 2020 02:04 pm
Published on:
19 Nov 2020 01:46 pm
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