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सावधान! हमारी गलतियों से 410 फीसदी तक बढ़ गया Air Pollution , सबसे आगे ये शहर

देशभर के कई शहरों में बढ़ रहा Air Pollution दिल्ली में 233, भोपाल 380, मुम्बई 315 और गाजियाबाद 217 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी लॉकडाउन के दौरान हुआ था वायु गुणवत्ता में सुधार

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Air pollution increased by 410 percent

हमारी गलतियों से 410 फीसदी तक बढ़ा वायु प्रदूषण

नई दिल्ली। देश में जैसे-जैसे अनलॉक का चरण बढ़ता गया, वैसे-वैसे वायु प्रदूषण ( Air Pollution ) फिर से बढऩे लगा। हाल ही में जारी ग्रीनपीस इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक झारखंड का झरिया देश का सबसे प्रदूषित शहर है। जबकि दिल्ली मामूली सुधार के बावजूद सूची में दसवें नंबर पर है। मिजोरम का लुंगलेई सबसे कम प्रदूषित शहर है।

सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि लॉकडाउन के दौरान पूरे देश की हवा में सुधार हुआ था, लेकिन गुरुवार के आंकड़ों से तुलना करें तो देश के प्रमुख शहरों की एयर क्वालिटी इंडेक्स में 150 से 400 फीसदी तक की बढ़त देखी गई है। जो स्वास्थ्य की दृष्टि से बेहद खतरनाक है।

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पीएम-2.5 भी 88 फीसदी घटा था
कोरोना के चलते लॉकडाउन के दौरान मार्च से मई तक के बीच देश के प्रमुख शहरों दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद और बेंगलुरु में पीएम 2.5 का स्तर 45-88 प्रतिशत तक कम हो गया था।

वहीं दिल्ली में पीएम 2.5 में 30 फीसदी, अहमदाबाद, पुणे में 15 फीसदी, मुंबई में 38 फीसदी और अहमदाबाद में 50 फीसदी कम हुआ था। पीएम धूल, गर्दा व धातु के सूक्ष्म कण होते हैं, जो कंस्ट्रक्शन, कूड़ा व पराली जलाने से ज्यादा बढ़ते हैं। हालांकि इसके पीछे की वजह 80 फीसदी निजी वाहनों का कम प्रयोग भी था।








वायु गुणवत्ता: तब और अब






































































शहरलॉकडाउन में17 दिसंबर—2020बढ़ोत्तरी प्रतिशत में
गाजियाबाद115250217
दिल्ली100233233
गुडग़ांव96227236
नोएडा95235247
कोलकाता78307389
मुम्बई72285395
हैदराबाद65129198

बेंग्लुरु


5770122

भोपाल


55209380
चंडीगढ़39160410

नोट : लॉकडाउन के आंकड़े 25 मार्च से 25 अप्रेल के बीच के हैं। सभी आंकड़े एक्यूआई से।

यूं समझिए वायु गुणवत्ता मानक
0-50 : अच्छा
51-100 : संतोषजनक
101-200 : सुधार की जरूरत
201-300 : खराब
301-400 : बहुत खराब
401-500 : चिंताजनक

राजस्थान, मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ पर भी असर

राजस्थान : प्रदेश के 17 शहरों में से श्रीगंगानगर चिंताजनक, भरतपुर खराब, पांच सुधार के योग्य और नौ शहर संतोषजनक व एक शहर बेहतर एयर क्वालिटी इंडेक्स में है।

105अजमेर 103जोधपुर 103बीकानेर 86अलवर 157श्रीगंगानगर 343उदयपुर 50









































शहरवायु गुणवत्ता
जयपुर79
जैसलमेर105
अजमेर103
जोधपुर103
बीकानेर86
अलवर157
श्रीगंगानगर343
उदयपुर50

मध्यप्रदेश : प्रदेश के 16 शहरों में 9 में सुधार की जरूरत है, जबकि सात शहरों में खराब एयर क्वालिटी इंडेक्स हैं।


































भोपाल



209



इंदौर



235



ग्वालियर



264



उज्जैन



238



जबलपुर



218



खजुराहो



103


रतलाम185

छत्तीसगढ़





















रायपुर143

भिलाई



143



दुर्ग



143



बिलासपुर


142

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क्या कहते हैं विशेषज्ञ
भारतीय विज्ञान संस्थान (आइआइएससी) बेंगलुरु के वायुमंडलीय और महासागरीय विज्ञान केंद्र के प्रोफेसर एस. के. सतीश ने कहा कि मुख्य रूप से प्रदूषण वाहनों, उद्योगों, फसल, अवशेष व अपशिष्ट जलाने से होता है। शहरों में निजी वाहन प्रमुख वजहों में से एक हैं। लॉकडाउन के दौरान सड़क पर वाहनों की संख्या में बड़ी कमी आई, जिसकी वजह से शहरी क्षेत्रों में वायु प्रदूषण में कमी आई है। इस वजह से स्वच्छ हवा, स्वच्छ पानी, शोर में कमी से लुप्तप्राय जीव भी देखने को मिलने लगे थे।

ये हैं कारण
- कारखानों व फैक्ट्रयों की चिमनियां बंद थीं
- वर्कफ्रॉम होम होने से एसी आदि नहीं चले
- दो पहिया व चौपहिया वाहनों पर प्रतिबंध

ये कदम उठाएं
- सार्वजनिक, वाहनों का ज्यादातर प्रयोग करें।
- शेयरिंग करें, बहुत जरूरी हो तो कार निकालें
- पराली को जलाएं नहीं, सड़ाकर खाद बनाएं


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