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Allahabad High Court : असहमति लोकतंत्र की पहचान, ऐसा करने से  किसी को रोका नहीं जा सकता

locationनई दिल्लीPublished: Dec 25, 2020 03:11:26 pm

Submitted by:

Dhirendra

हाईकोर्ट ने बताया असहमति जताना हर नागरिक का अधिकार।
ऐसा करने पर मामला दर्ज करना गलत।

allhabad high court

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बताया असमति जताना हर नागरिक का अधिकार।

नई दिल्ली। शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक फैसले में कहा है कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर असहमति व्यक्त करना हमारे संवैधानिक उदार लोकतंत्र की पहचान है। संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत यह अधिकार देश के सभी नागरिक को हासिल है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी एक व्यक्ति की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद कही।
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दरअसल, याची ने एक ट्विट में लिखा था कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने प्रदेश को जंगल राज में बदल दिया है। यहां कानून और व्यवस्था नाम की चीज नहीं है। इस पर यूपी में उनके खिलाफ पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज हुआ था। वाद के खिलाफ यशवंत सिंह ने एक रिट हाईकोर्ट में दायर की थी। इस पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने कहा कि एफआईआर में जिन दो धाराओं के तहत अभिव्यक्ति के अधिकार को अपराध बताया गया है वो याची के ट्विट में दूर तक अपराध नजर नहीं आ रहा है।
बता दें कि एफआईआर 2 अगस्त, 2020 को कानपुर देहात जिले के भोगनीपुर पुलिस स्टेशन में सूचना प्रौद्योगिकी संशोधन अधिनियम के तहत दर्ज की गई थी।

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