
अमृतसर ट्रेन हादसाः जिस बेटे को मरा जान मां-बाप हो रहे थे बेहाल, वह अचानक निकल आया जिंदा
नई दिल्ली। अमृतसर में दशहरे के दिन रावण दहन के दौरान हुए रेल हादसे में 59 लोगों की जान चली गई और 40 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। इस बीच एक 13 साल का बच्चा चमत्कारिक रूप से बच गया। वह भी तब जब उसके मां-बाप ट्रेन हादसे में उसकी मौत की बात मान बैठे थे। लेकिन वह जिंदा था और घरवालों से बिछड़कर किसी तरह दिल्ली पहुंच गया था। दरअसल, यह घटना अमृतसर के गांव नौशहरा पन्नुआं की है। हादसे के दिन यहां के निवासी फूल सिंह का 13 साल का बेटा अर्शदीप सिंह घर से दशहरा देखने के लिए निकला था, लेकिन दुर्घटना के बाद वह घर वापस नहीं आया। इस भीषण हादसे के बाद मां-बाप को लगा कि ट्रेन की चपेट में आकर उनके बेटे की भी मौत गई और वो उसको शवों में तलाश करते रहे। लेकिन उनको उस समय यकीन नहीं हुआ जब उन्होंने अर्शदीप के दिल्ली में होने की खबर सुनी। यह खबर सुनकर उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
यह खबर सुनकर मां—बाप तुरंत दिल्ली पहुंचे और बेटे को वहां से लिया। दरअसल, उनके अर्शदीप से मिलने की कहानी भी कम रोचक नहीं है। अर्शदीप के पिता फूल सिंह के अनुसार उनका मकान जोड़ा फाटक के पास ही है। अर्शदीप दशहरे के दिन शाम को घर से निकला था। इस बीच उनको ट्रेन हादसे की खबर मिली। अनहोनी की आशंका को लेकर वह घटना स्थल की ओर दौड़े, लेकिन वहां उनको अर्शदीप का कोई सुराग नहीं लगा। वह काफी समय तक घटनास्थल पर बेटे को तलाशते रहे, लेकिन उसका कहीं कोई सुराग नहीं लग रहा था। कुछ पता न चलने पर परिजनों ने उसको अस्पतालों में ढूंढा, लेकिन वहां भी वह नहीं मिला। सारे प्रयास असफल होने के बाद मां—बाप ने यह मान लिया कि अर्शदीप भी ट्रेन की चपेट में आ गया। तभी इस बीच उनको मंजू गुप्ता नाम की लड़की का फोन आया। मंजू ने उनके तलाशने में मदद करने की बात कही। इसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर अर्शदीप की फोटो डाल दी।
जैसे ही दिल्ली बेस्ड एक एनजीओ ने सोशल मीडिया पर अर्शदीप की फोटो देखा तो उन्होंने मंजू से संपर्क किया और उसके जिंदा होने की बात कही। तभी मंजू ने फूल सिंह को फोन कर अर्शदीप के जिंदा होने की सूचना दी। अर्शदीप के परिजन मंगलवार को दिल्ली जाकर उसको वहां से वापस ले आए।
Published on:
24 Oct 2018 04:32 pm
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