
Two youths from Jammu and Kashmir who came to Khandwa went missing
Article 370 and 35A : नई दिल्ली। यदि धारा 370 जम्मू-कश्मीर को देश के अन्य राज्यों के मुकाबले विशेषाधिकार देती थी तो अनुच्छेद 35A राज्य के नागरिकों को विशेषाधिकार देता था। इस धारा के जरिए राज्य के विधानमंडल को स्थाई निवासी परिभाषित करने तथा उन्हें अतिरिक्त अधिकार देने की शक्तियां मिली हुई थीं। भारतीय संविधान में इस धारा को 14 मई 1954 को राष्ट्रपति के आदेश पर जोड़ा गया था। इस अनुच्छेद की विशेष बातें इस प्रकार थीं-
यह राज्य के स्थाई नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा करता था अर्थात भारतीय संविधान स्थानीय निवासियों पर लागू नहीं होता था वरन राज्य द्वारा बनाए गए नीति-निर्देश ही उन पर लागू होते थे। इस कानून के अनुसार केवल जम्मू-कश्मीर की सरकार ही विधानमंडल के दोनों सदनों में दो-तिहाई बहुमत से स्थाई निवासी की परिभाषा को बदल सकती थी।
यह देश के अन्य राज्यों में रहने वाले नागरिकों के अधिकारों को सीमित करती थी। राज्य से बाहर के नागरिक यहां पर सम्पत्ति नहीं खरीद सकते थे। ऐसे नागरिक जम्मू और कश्मीर सरकार की नौकरियों के लिए भी आवेदन नहीं कर सकते थे। इसी प्रकार बाहर के राज्यों के रहने वाले निवासी भी जम्मू-कश्मीर राज्य के विश्वविद्यालयों में एडमिशन या स्कॉलरशिप अथवा अन्य किसी भी प्रकार की वित्तीय सहायता प्राप्त नहीं कर सकते थे। हालांकि राज्य के निवासी देश के अन्य राज्यों में जाने पर इन सभी अधिकारों का प्रयोग कर सकते थे परन्तु अन्य राज्यों के निवासी किसी भी तरह राज्य सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं का प्रयोग नहीं कर सकते थे।
अब भारत के अन्य राज्यों में रहने वाले निवासी भी कश्मीर आकर रह सकेंगे, वोट डाल सकेंगे और यहां के युवाओं से विवाह कर सकेंगे। पहले यदि राज्य की कोई लड़की राज्य से बाहर के लड़के से विवाह कर लेती थी तो उसके एवं उसके बच्चों के सभी अधिकार भी यहां खत्म हो जाते थे परन्तु अब ऐसा नहीं होगा और उनके अधिकार देश के अन्य राज्यों की तरह सुरक्षित ही रहेंगे।
Published on:
04 Aug 2021 06:59 pm
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