
ढहने वाला था लाल किले का अगला हिस्सा, सफाई में मिली 25 लाख किलो मिट्टी
नई दिल्ली। जिस लाल किले की ऐतिहासिक प्राचीर से राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री हर साल ध्वजारोहण करते हैं। वो कुछ समय बाद ढहने वाला था। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने ये दावा लाल किले की उस हिस्से की सफाई के बाद किया है, जहां स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री देश को संबोधित करते हैं। बताया जा रहा है कि लाल किले के छत की सफाई में अबतक 25 लाख किलो धूल मिट्टी हटाई गई है।
100 साल में जम गई 25 लाख किलो धूल
लाल किले की छत से धूल मिट्टी को हटाने का काम काफी वक्त से चल रहा है। पिछले पांच महीने से एएसआई यहां की छत से धूल-मिट्टी हटा रही है। प्राचीर के अगले हिस्से पर करीब 2 मीटर ऊंची मिट्टी की परत जम चुकी थी। मामले की निगरानी कर रहे अधिकारियों ने बताया कि अगर मिट्टी की ये परत हटाई नहीं गई होती तो 162 साल पुरानी ऐतिहासिक धरोहर का ये हिस्सा कभी भी जमींदोज हो सकता था। धूल की ये परतें करीब 100 साल पुरानी हैं। इससे पूरे किले को भारी नुकसान हो रहा है।
तो गिर जाता लाहौरी गेट का ऊपरी हिस्सा
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकारी के मुताबिक पिछले 100 साल से देखरेख के अभाव में लाल किले की दीवारों में नमी आने लगी है। यही वजह है कि छत पर भी इतनी अधिक मात्रा में मिट्टी जमा हो गई। यह वही हिस्सा है जहां से स्वतंत्रता दिवस पर हर साल प्रधानमंत्री भाषण देते हैं। यानी मुख्य लाहौरी गेट की छत का हिस्सा था। जो लाल किले की हर तस्वीर में सबसे आगे दिखाई देती है।
60 करोड़ खर्च कर एक साल में होगी मरम्मत
पुरातत्व विभाग ने अभी भी लाल किले की सफाई और मरम्मत के लिए एक साल का वक्त मांगा है। इस दौरान लाल किला और परिसर में मार्केट, पीने का पानी, बाथरूम और सफाई संबंधी काम किया जाएगा। पूरे प्रोजेक्ट में करीब 60 करोड़ रुपए खर्च का अनुमान लगाया जा रहा है।
Published on:
01 Jun 2018 04:29 pm
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