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Balakot Air strike : रामायण से प्रेरित था ‘ऑपरेशन बंदर’, जिसने तबाह किए थे मसूद के आतंकी ठिकाने

Balakot Air strike पर 4 महीने पर बाद खुलासा गोपनीयता बरतने के लिए नाम दिया था Operation Bandar एयर स्ट्राइक में 12 फाइटर जेट-2000 का हुआ था इस्तेमाल

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AFCAT 2020

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नई दिल्ली।बालाकोट एयर स्ट्राइक ( Balakot Air Strike ) के चार महीने बाद इस ऑपरेशन से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। पाकिस्तान में आतंक के खिलाफ 26 फरवरी को भारतीय वायुसेना ने ( Indian Air Force ) जिस ऑपरेशन को अंजाम दिया था उसे 'ऑपरेशन बंदर' ( Operation Bandar ) कोड वर्ड दिया गया था। ऐसा इसलिए किया गया था ताकि Balakot Air strike की गोपनीयता बनी रहे और प्लान लीक न हो।

क्यों दिया गया 'ऑपरेशन बंदर' नाम

बालाकोट एयर स्ट्राइक के कोड वर्ड 'ऑपरेशन बंदर' का खुलासा करने वाले सूत्र ने इस नाम के पीछे की वजह बताने से इनकार कर दिया है। हालांकि रिपोर्ट में इस नाम के पीछे रामायण का जिक्र है।

इसके मुताबिक जिस तरह त्रेतायुग में रावण के अंत के लिए भगवान राम ने बंदरों की फौज के साथ लंका में घुसकर राक्षसों का वध कर लंका को बर्बाद किया था, कुछ उसी तरह एयर स्ट्राइक के 'बंदर' यानी मिराज फाइटर जेट ने पाकिस्तान में घुसकर आतंक के आका मसूद अजहर के आतंकी ट्रेनिंग कैंपों को तबाह कर दिया था।

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12 फाइटर जेट ने पाक पर बरपाया था कहर

रिपोर्ट्स के मुताबिक 12 मिराज-2000 फाइटर जेट ने पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर तबाही मचाई थी। खैबर पख्तूनख्वा प्रांत ( Khyber Pakhtunkhwa ) में इस ऑपरेशन के जरिए करीब 250 आतंकी मारे गए थे। साथ ही आतंकियों का ट्रेनिंग सेंटर नेस्तनाबूद हो गया था।

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हमले के ढाई घंटे बाद पहुंची थी पाक सेना

बता दें कि पिछले महीने इटली की एक स्वतंत्र पत्रकार ने दावा किया कि भारतीय वायुसेना के हमले में 130 से 170 आतंकवादी मारे गए थे। इटली की पत्रकार फ्रांसेस्का मारिनो ने सूत्रों के हवाले से लिखा कि भारतीय वायुसेना ने सुबह तड़के 3.30 बजे हमले किए थे और पाकिस्तानी सेना वहां ढाई घंटे बाद सुबह छह बजे पहुंची।

उन्होंने लिखा है कि जैसे ही पाकिस्तानी सेना वहां पहुंची, घायलों को शिंकियारी स्थित हरकत उल मुजाहिदीन के शिविर में ले जाया गया, जहां सेना के डॉक्टरों ने उनका उपचार किया। मारिनो ने यह भी लिखा कि मृतकों के घरवाले मीडिया में न कुछ बोल दें, इसके लिए उन्हें जैश-ए-मोहम्मद के लोगों ने नकद रुपए दिए।


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