
Bihar CM Nitish Kumar Said- Pegasus Espionage Should Be Investigated
पटना। पेगासस जासूसी विवाद (Pegasus Snooping Case) को लेकर सड़क से संसद तक विपक्ष मोदी सरकार को घेरने में जुटी है। वहीं अब विपक्ष की आवाज को सत्ता में भागीदार बीजेपी के सहयोगी दल का भी साथ मिल गया है। ऐसे में मोदी सरकार पर पेगासस जासूसी विवाद की जांच कराए जाने को लेकर दबाव बढ़ता ही जा रहा है।
दरअसल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि पेगासस जासूसी विवाद की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। नीतीश ने एक बयान में कहा कि हम टेलीफोन टैपिंग से जुड़ी खबरों को कई दिनों से सुन रहे हैं। ऐसे में उन्हें ये लगता है कि इसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि लगातार इस तरह के मामले सामने भी आ रहे हैं, ऐसे में इसकी जांच सही तरीके से होनी चाहिए और सावधानी से हो भी सकती है।
सीएम नीतीश ने कहा कि इस पूरे मामले की सही जांच के बाद ही कोई कदम उठाया जाए। क्या हुआ.. क्या नहीं हुआ है इसे संसद में कुछ लोग भूल रहे हैं। लेकिन समाचार पत्रों और मीडिया में लगातार इस तरह की खबरें सामने आ रही हैं। किसी को भी किस तरह से लोग सुन रहे हैं.. उसपर कब्जा कर रहे हैं.. ऐसे में इसकी जांच बहुत ही जरूरी है।
पेगासस जासूसी विवाद पर संसद में होनी चाहिए चर्चा: नीतीश
सीएम नीतीश ने कहा कि इस पूरे मामले की सही जांच के बाद ही कोई कदम उठाया जाए। क्या हुआ.. क्या नहीं हुआ है इसे संसद में कुछ लोग भूल रहे हैं। लेकिन समाचार पत्रों और मीडिया में लगातार इस तरह की खबरें सामने आ रही हैं। किसी को भी किस तरह से लोग सुन रहे हैं.. उसपर कब्जा कर रहे हैं.. ऐसे में इसकी जांच बहुत ही जरूरी है।
नीतीश कुमार ने आगे कहा कि पेगासस को लेकर लगातार इतनी बातें कही जा रही है और विपक्ष संसद में इस मुद्दे को उठा भी रहा है तो इसपर बहस होनी चाहिए और जांच भी होनी चाहिए, जिससे सच सामने आ सके। यदि कोई किसी को बिना वजह परेशान कर रहा है या फिर उसकी निजता का उल्लंघन कर रहा है तो इसकी जांच होनी चाहिए। बता दें कि सीएम नीतीश कुमार ने सोमवार को जनता दरबार में पत्रकारों से बात करते हुए ये बातें कही है।
एनडीए में बढ़ सकता है तनाव
आपको बता दें कि नीतीश कुमार के इस बयान से एनडीए के अंदर घमासान मच सकता है। चूंकि पेगासस विवाद पर सरकार ने विपक्ष के सभी आरोपों को खारिज करते हुए संसद में चर्चा कराने और इसकी जांच कराए जाने से साफ इनकार कर दिया है। लेकिन अब नीतीश के बयान से विपक्ष की आवाज को बल मिलेगा। नीतीश एनडीए के एक बड़े नेता हैं। लिहाजा, इनकी बात का अपना एक महत्व है।
इससे पहले जेडीयू नेता उपेंद्र कुशवाहा द्वारा सीएम नीतीश कुमार को पीएम मैटेरियल बताए जाने पर भी तकरार देखी जा रही है। बीजेपी ने सीधे-सीधे कुशवाहा के बयान को खारिज कर दिया। इससे पहले मोदी मंत्रीमंडल के विस्तार में जेडीयू कोटे से दो-तीन मंत्री बनाए जाने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और एक ही नेता आरसीपी सिंह मंत्री बनाए गए। ऐसे में भाजपा और जेडीयू के बीच तकरार बढ़ने के आसार हैं।
सुप्रीम कोर्ट में इस हफ्ते होगी सुनवाई
आपको बता दें कि पेगासस जासूसी मामले पर जारी सियासी तकरार के बीच सर्वोच्च अदालत इस हफ्ते (5 अगस्त) से इसपर सुनवाई शुरू करेगी। बीते सप्ताह शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमना की बेंच के सामने पेगासस जासूसी का मुद्दा उठाया गया। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा था कि वे इस मामले को अगले हफ्ते सुनेंगे।
कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने मुख्य न्यायाधीश के सामने इस मुद्दे को उठाया था। उन्होंने कहा था कि वरिष्ठ पत्रकार एन. राम ने कोर्ट में लिखित याचिका दायर की है। इसपर चीफ जस्टिस ने कहा कि वे अगले हफ्ते से इसपर सुनवाई शुरू करेंगे।
बता दें कि वरिष्ठ पत्रकार एन. राम की ओर से सर्वोच्च अदालत में दायर याचिका में ये कहा गया है कि पेगासस स्वाइवेयर के जरिए देश के बड़े-बड़े पत्रकारों, नेताओं, वरिष्ठ वकीलों, जजों, सामाजिक कार्यकर्ताओं व अन्य लोगों की जासूसी कराई गई है। याचिका में ये मांग की गई है कि पेगासस जासूसी विवाद की निष्पक्ष जांच कराई जाई और इसकी जांच सुप्रीम कोर्ट का कोई मौजूदा या रिटायर्ड जज करें।
Updated on:
02 Aug 2021 05:53 pm
Published on:
02 Aug 2021 05:31 pm
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