22 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

पहले से ज्यादा ताकतवर होगी Brahmos Missile, भारत और रूस तैयार कर रहे नया वैरियंट

भारत की सुरसॉनिक BrahMoss Missile होगी पहले से ज्यादा शक्तिशाली भारत और रूस मिलकर तैयार कर रहे नया वैरियंट दुश्मन देश के अवाक्स सिस्टम को मार गिराने में मिलेगी मदद

2 min read
Google source verification
Brahmos Missile

भारत की सुपरसॉनिक ब्रह्मोस मिसाइल

नई दिल्ली। भारत अपनी शक्तिशाली मिलाइलों में से एक ब्रह्मोस मिसाइल ( Brahmos Missile ) को और ज्यादा ताकतवर बनाने जा रहा है। इसके लिए भारत और रूस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का नया वैरियंट बना रहे हैं। इस नए वैरियंट के साथ ही ब्रह्मोस की मारक क्षमता और ज्यादा शक्तिशाली हो जाएगा।

सुपरसोनिक मिसाइल दुश्मन के अवाक्स सिस्टम यानी एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंट कंट्रोल को मार गिराने में सक्षम होगी। इस नए वैरियंट की ब्रह्मोस मिसाइल के साथ ही भारत और रूस इस मिलसाइल की रेंज को बढ़ाने पर भी काम कर रहे हैं। ब्रह्मोस को पानी के जहास, पनडुब्बी और लड़ाकू विमान कहीं से भी दागा जा सकता है।

अपने 70वें जन्मदिन पर पीएम मोदी 6 वर्ष बाद नहीं कर पाएंगे ये खास काम, जानें क्या है इसके पीछे की वजह

ब्रह्मोस उपकरण के जॉइंट डायरेक्टर अलेक्जेंडर मिकोशेव के मुताबिक भारत और रूस मिलकर ब्रह्मोस के नए वैरियंट पर काम कर रहे हैं। ये नया वैरियंड 2024 तक बन कर तैयार हो जाएगा। इसके साथ ही ब्रह्मोस की ताकत पहले भी से ज्यादा घातक होगी।

ये नई मिसाइल एक साथ कई निशानों को साधने में कारगर होगी। आपको बता दें कि भारत के लड़ाकू विमान तेजस को इस मिसाइल के एयर वैरियंट से लैस किया जाएगा। इस मिसाइल के जरिए दुश्मन देश के अवाक्स सिस्टम को मार गिराने में भी मदद मिलेगी।

ये होता है अवाक्स सिस्टम
अवाक्स सिस्टम को उसके साइज और वजन के हिसाब से भारी और मध्यम श्रेणी के विमानों के ऊपर लगाया जाता है। इसकी मदद से विमान के अंदर बैठे ऑपरेटर्स एक निश्चित दूरी तक हवाई जहाजों और मिसाइलों की उड़ान पर नजर रखते हैं। ऐसे में जब दुश्मन देश का कोई विमान नजर रख रहा होगा तो उसके अवाक्स सिस्टम को ब्रह्मोस मार गिराएगा।

भारत और रूस ने मिलकर बनाई ब्रह्मोस
देश की सुरक्षा के लिए तैनात मिसाइलों में शुमार बेहतरीन मिसाइल ब्रह्मोस को भारत और रूस ने मिलकर तैयार किया है। रूस की एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया और भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने संयुक्त रूप से विकसित किया है।

मानसून को लेकर मौसम विभाग ने जारी किया सबसे बड़ा अलर्ट, देश के इन राज्यों में अगले कुछ घंटों में होगी जोरदार बारिश

दोनों देशों की नदियों के नाम पर हुआ नामकरण
इस मिसाइल का नाम भी दोनों देशों की नदियों को नाम पर रखा गया है। भारत की ब्रह्मपुत्र नदी और रूस की मस्कवा नदी के नाम पर ही इस सुपरसॉनिक मिसाइल का नाम रखा गया है।