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BSF जवान तेज बहादुर की दाल वाली वीडियो से विद्रोह हो सकता था, दुश्मन देशों को छवि खराब करने का मौका दिया: केंद्र

केंद्र ने कहा कि तेज बहादुर ने जो किया उससे दुश्मन मुल्कों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश की छवि खराब करने का मौका मिल गया।

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BSF जवान तेज बहादुर की दाल वाली वीडियो से विद्रोह हो सकता था, दुश्मन देशों को छवि खराब करने का मौका दिया: केंद्र

नई दिल्ली। बीएसएफ के जवान तेज बहादुर द्वारा खाने की गुणवत्ता पर सवाल उठाने वाली वीडियो के मामले की सुनवाई पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में चल रही है। तेज बहादुर की याचिका पर केंद्र ने जवाब सौंपा है। जवाबों में कहा गया है कि तेज बहादुर की वीडियो से दुश्मन देशों को भारत की छवि खराब करने का मौका मिल गया।

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तेज बहादुर ने दिया दुश्मन राष्ट्र को मौका: केंद्र

राष्ट्रीय जांच एजेंसी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया गया कि तेज बहादुर की फेसबुक पर कई पाकिस्तानी मित्र थे। उसकी तैनाती एलओसी पर थी और ऐसे में सेना के जवान का संवेदनशील क्षेत्र में ड्यूटी के दौरान दुश्मन देश के फेसबुक फ्रेंड्स के संपर्क में रहना बेहद गंभीर विषय है। तेज बहादुर को 14 साल की सजा दी जा सकती थी। हालांकि इससे बहुत कम सजा बर्खास्तगी के रूप में दी गई है। केंद्र ने कहा कि दुश्मन राष्ट्र मौका ढूंढते हैं कि कैसे किसी राष्ट्र की छवि धूमिल की जाए और वह मौका तेज बहादुर ने उन्हें दे दिया।

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विद्रोह का था डर

सोमवार को अदालत में दाखिल अपने जवाब में बीएसएफ ने कहा है कि तेज बहादुर के खिलाफ सख्त कदम इसलिए उठाया गया ताकि उसे देखकर बीएसएफ में विद्रोह की चिंगारी न भड़के। बीएसएफ ने अपने जवाब में कहा है कि तेज बहादुर ने भूख हड़ताल कर दी थी ताकि बीएसएफ के दूसरे जवान उसका साथ दे सके। बीएसएफ के मुताबिक तेज बहादुर बेवजह हंगामा खड़ा करने का आदी था। वहीं तेज बहादुर ने वकील एसपी यादव के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बताया है कि उसने बीएसएफ से वीआरएस के तहत स्वेच्छा से सेवानिवृत्ति दिए जाने की मांग की थी। पहले उसे इसकी अनुमति दे दी गई लेकिन बाद में उसकी वीआरएस के आदेश को रद्द कर उसे सेवा से बिना कोई पूर्व नोटिस दिए ही बर्खास्त कर दिया गया। एडवोकेट एसपी यादव ने बताया है कि तेज बहादुर द्वारा उठाए गए मुद्दों का बीएसएफ सटीक जवाब नहीं दे पाई इसलिए तेज बहादुर बीएसएफ के जवाब के खिलाफ अर्जी दायर करना चाहते हैं। हाईकोर्ट ने तेज बहादुर को 27 फरवरी का वक्त दिया है। गौरतलब है कि बीएसएफ ने तेज बहादुर द्वारा खाने का वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड करने को देश विरोधी बताया था जबकि एनआईए ने जांच में माना था कि तेज बहादुर किसी भी तरह की देश विरोधी गतिविधि में शामिल नहीं था।


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