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केंद्रीय जांच दल ने ममता सरकार पर लगाया गंभीर आरोप, वेस्ट बंगाल में कोरोना मृत्यु दर सबसे ज्यादा

अनुरोध के बावजूद राज्य प्रशासन ने फील्ड विजिट नहीं कराया जांच दल को राज्य सरकार ने समुचित आंकड़े मुहैया नहीं कराए टीम ने ठोस मूल्यांकन व्यवस्था पर दिया जोर

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नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल ( West Bengal ) में कोरोना वायरस ( coronavirus ) से उत्पन्न संकट का जायजा लेने के लिए पहुंची केंद्रीय जांच दल ( Central investigation team ) ने ममता सरकार ( Mamata Government ) पर गंभीर आरोप लगाया है। जांच दल ने प्रदेश सरकार पर असहयोगी रवैया अपनाने के आरोप लगाए हैं। इस बात का जिक्र राज्य के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा को केंद्रीय जांच दल की ओर से लिखे गए पत्र में किया गया है।

पत्र में कहा गया है कि जांच दल द्वारा स्थानीय प्रशासन से फील्ड विजिट और स्वास्थ्य कर्मियों के साथ बातचीत का बार-बार अनुरोध किया गया। बावजूद इसके विभाग की तरफ से सिर्फ स्वास्थ्य सचिव ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए बातचीत की।
कंद्रीय जांच दल ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि IMCT ने सोमवार को कहा कि राज्य में Covid-19 से मृत्युदर 12.8 फीसदी है जो देशभर में सबसे ज्यादा है। यह कोरोना वायरस को लेकर जारी जांच में कमी और कमजोर निगरानी को दर्शाता है। दो दिवसीय यात्रा के बाद रवाना होने से पहले आईएएस अधिकारी ने कहा कि वैसे तो राज्य सरकार ने निषिद्ध क्षेत्रों बिल्कुल उच्च स्तरीय रोजाना निगरानी करने का दावा करती है लेकिन उसने टीम को कोई आंकड़े या नतीजे उपलब्ध नहीं कराए।

जांच दल ने राज्य के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा को लिखी अपनी चिट्ठी में कहा कि इतने बड़े डाटाबेस का मिलान और मूल्यांकन के लिए एक ठोस व्यवस्था की जरूरत है लेकिन ऐसा कोई सबूत उपलब्ध नहीं है।

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दूसरी तरफ केंद्रीय जांच दल के इस आरो के बाद मुख्य सचिव राजीव सिन्हा का कहना है कि वह पूरे दिन व्यस्त थे। जहां तक मृत्यु दर की बात है तो वह IMCT की चिट्ठी का उचित तरीके से जवाब देंगे।

इससे पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को पत्र लिख पश्चिम बंगाल में केंद्रीय जांच दल भेजे जाने पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने शिकायत की थी कि जिस टीम को उनके राज्य में भेजा जा रहा है उसकी जानकारी आखिरी समय पर दी गई। साथ ही उन्होंने यह भी सवाल उठाया था कि केंद्रीय जांच दल को पश्चिम बंगाल की क्यों भेजा जा रहा है।

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टीएमसी के नेताओं ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया था कि जब कुछ राज्य कोरोना के खिलाफ जंग लड़ने में व्यस्त हैं तो उन्हें केंद्र द्वारा निशाना बनाया जा रहा है। बता दें कि इसी टीम ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में भी दौरा कर वहां के हालातों का जायजा लिया था।


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