scriptChief Justice of India ने कहा – वीआईपी भी नहीं बच पाते पुलिस की ‘थर्ड डिग्री’ से | CJI says threat to human rights highest in police stations | Patrika News

Chief Justice of India ने कहा – वीआईपी भी नहीं बच पाते पुलिस की ‘थर्ड डिग्री’ से

locationनई दिल्लीPublished: Aug 09, 2021 10:18:50 am

Submitted by:

Shaitan Prajapat

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा है कि हिरासत में यातना और अन्य पुलिस अत्याचार देश में अब भी जारी है। विशेषाधिकार प्राप्त लोगों को भी थर्ड डिग्री की प्रताडऩा से नहीं बख्शा जाता है।

chief_justice_nv_ramana

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा है कि हिरासत में यातना और अन्य पुलिस अत्याचार देश में अब भी जारी है। यहां तक कि विशेषाधिकार प्राप्त लोगों को भी थर्ड डिग्री की प्रताडऩा से नहीं बख्शा जाता है। जस्टिस रमना ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर यह तीखी टिप्पणी कानूनी सेवा मोबाइल एप्लिकेशन और राष्ट्रीय विधि सेवा प्राधिकरण के दृष्टिकोण व मिशन स्टेटमेंट की शुरुआत के अवसर पर की।

 

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गिरफ्तार या हिरासत व्यक्तियों के लिए बड़ा खतरा
चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा कि मानवाधिकारों के उल्लंघन का खतरा थानों में सबसे ज्यादा है। संवैधानिक घोषणाओं और गारंटियों के बावजूद पुलिस थानों में प्रभावी कानूनी प्रतिनिधित्व का अभाव गिरफ्तार या हिरासत में लिए गए व्यक्तियों के लिए बड़ा खतरा है।

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पुलिस अफसर बनें संवेदनशील
सीजेआइ रमना ने राष्ट्रीय विधि सेवा प्राधिकरण से पुलिस अधिकारियों को संवेदनशील बनाने को कहा। उन्होंने यह भी कहा कि कानून से शासित समाज बनने के लिए अत्यधिक विशेषाधिकार प्राप्त और सबसे कमजोर लोगों के बीच न्याय की पहुंच के अंतर को कम करना जरूरी है। प्रत्येक थाने और जेल में डिस्प्ले बोर्ड व होर्डिंग लगाना इस दिशा में एक कदम है।

 

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मुफ्त कानूनी सहायता का प्रचार—प्रसार जरूरी
उन्होंने कहा कि पुलिस की ज्यादतियों को रोकने के लिए कानूनी सहायता के संवैधानिक अधिकार और मुफ्त कानूनी सहायता सेवाओं की उपलब्धता के बारे में जानकारी लोगों तक पहुंचाने के लिए इसका व्यापक प्रचार-प्रसार आवश्यक है। इस मौके पर नालसा के कार्यकारी अध्यक्ष एवं साथी न्यायाधीश उदय उमेश ललित भी मौजूद थे।

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