
Raghuram Rajan
नई दिल्ली। देश में महामारी कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने तबाही मचा रखी है। पिछले कुछ दिनों से देश में कोरोना मरीजों के 3 लाख से ज्यादा के मामले सामने आ रहे है। कोविद-19 की पहली लहर की तुलना में दूसरी लहर कहीं अधिक घातक साबित हुई है। इस समय देश में भारी संकट छाया हुआ है। इसी बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने मोदी सरकार की नीतियों की आलोचना की है। भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम का कहना है कि संक्रमण में तेजी से नेतृत्व और दूरदर्शिता की कमी सामने आई है।
ये अभी खत्म नहीं हुआ है
एक इंटरव्यू में राजन ने कहा कि (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर रघुराम ने कहा कि मोदी सरकार समय रहते चेत गई होती तो देश में कोरोना के हालत इतने नहीं बिगड़ते है। पिछले साल की पहली लहर के बाद दोबारा संक्रमण में तेजी फैल रहा है। राजन ने कहा कि अगर आप सावधान होते, अगर आप चौकन्ने होते, तो आपको समझना चाहिए था कि ये अभी खत्म नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि दुनिया में दूसरी जगह खासकर ब्राजील में जो हो रहा है, उससे आपको समझ जाना चाहिए था कि वायरस वापस आ रहा है। यह महामारी पहले से ज्यादा खतरनाक हो रहा है। पिछले साल कोरोना के मामलों में कमी के बाद भारत को लगा कि वायरस का बुरा दौर बीत चुका है, आत्ममुग्धता आज देश को भारी पड़ रही है।
देश में पर्याप्त वैक्सीन नहीं
वैक्सीन के बारे में बात करते हुए राजन ने कहा इस समय देश में गंभीर स्थिति बनी हुई है। देश को इस संकट से निकाले के लिए ज्यादा वैक्सीन की जरूरत है। लेकिन देश में पर्याप्त वैक्सीन तैयार नहीं हो पा रही है। कही ना कही यह भी एक बहुत बड़ी कमी है। जिसके कारण कोरोना तेजी से फैल रहा है। महामारी पर काबू पाने के लिए वैक्सीन बड़ी मददगार साबित हो सकती है। उन्होंने ने कहा कि पिछले साल मामलों में कमी आने के बाद ऐसा समझा गया कि हमने सबसे बुरा दौर देख लिया है और हम इससे निकल गए है। अब इकनॉमी खोली चाहिए लेकिन इसी संतुष्टता से हमें काफी नुकसान हुआ।
Published on:
05 May 2021 11:13 am
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