
astrazeneca vaccine
नई दिल्ली। तीसरी लहर से लड़ने के लिए पर्याप्त वैक्सीनेशन जरूरी है। लेकिन इसके लिए अभी रोजाना वैक्सीनेशन की रफ्तार कम है। 21 जून को एक दिन में 86 लाख से ज्यादा टीकाकरण हुआ। अब तक एक दिन में लगाए गए टीकों का यह सबसे बड़ा आंकड़ा है। विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना की तीसरी संभावित लहर से लड़ने के लिए प्रतिदिन कम से कम एक करोड़ टीकाकरण की जरूरत होगी जबकि अभी तक 5.47 फीसदी आबादी को टीके की पहली खुराक मिल चुकी है।
धीमी रफ्तार से भी दिक्कत
यदि इसी रफ्तार से देश में टीकाकरण चलता रहा तो इम्यूनिटी टिकाऊ नहीं होगी क्योंकि तब तक छह माह से अधिक का समय बीत चुका होगा। शरीर में एंटीबॉडीज उतने मजबूत नहीं होंगे। इसलिए तेज रफ्तार से टीकाकरण जरूरी है। हालांकि धीमी गति से टीकाकरण के पीछे पर्याप्त टीकों की संख्या व ग्रामीण क्षेत्रों में टीके को लेकर हिचकिचाहट भी प्रमुख वजह है।
ग्रामीणों में हिचकिचाहट
देश में कुल आबादी की केवल 4 फीसदी ही वैक्सीनेश किया जा सका है। इसमें ग्रामीण इलाकों में वैक्सीन लगवाने को लेकर कई भ्रम भी हैं। इसलिए लोग वैक्सीन लगवाने से हिचक रहे हैं।
5.47 फीसदी को मिला कोरोना सुरक्षा का पहला टीका
इस तरह देश की अनुमानित आबादी 1.40 अरब की आबादी के अनुसार देश में 25.56 करोड़ लोगों को वैक्सीन की पहली खुराक मिल चुकी है। इसी तरह 5.47 फीसदी लोगों का टीकाकरण हो चुका है।
दिसंबर तक 55 फीसदी को मिलेगी वैक्सीन
यदि प्रतिदिन 32 लाख खुराक देने की औसत गति रहती है तो देश साल के आखिर तक वयस्क आबादी का 45 फीसदी व मार्च 2022 तक 60 फीसदी आबादी का वैक्सीनेशन करने में सफल होगा। यदि टीकों की उपलब्धता बढ़ती है तो गति में 30 फीसदी की वृद्धि कर 2021 के अंत तक 55 फीसदी वयस्क आबादी का टीकाकरण संभव है।
सर्वाधिक संक्रमित राज्यों में वैक्सीनेशन की रफ्तार
इस वक्त देश के सर्वाधिक संक्रमित राज्यों में से गुजरात में 27.94 फीसदी, दिल्ली में 27 फीसदी, कर्नाटक में 29.96 फीसदी, राजस्थान में 25.71 फीसदी, हरियाणा में 24.13 फीसदी, आंध्रप्रदेश में 22.30 फीसदी, मध्यप्रदेश में 20.12 फीसदी, महाराष्ट्र में 20 फीसदी, छत्तीसगढ़ में 20 फीसदी, उत्तरप्रदेश में 13.11 फीसदी तथा बिहार में 11.08 फीसदी टीकाकरण हो चुका है।
Published on:
28 Jun 2021 07:27 am
बड़ी खबरें
View Allविविध भारत
ट्रेंडिंग
