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नई दिल्ली। महाराष्ट्र इन दिनों महामारी कोरोना वायरस (Corona virus) के भीषण संकट से जूझ रहा है। बेलगाम कोरोना की रफ्तार को रोकने के लिए उद्धव सरकार लंबे समय अपने स्तर पर काम कर रही है। कोरोना की चेन को तोड़ने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में नाइट कर्फ्यू, मिनी लॉकडाउन और फिर पूर्ण लॉकडाउन जैसे कदम उठाए है। एक मई से 18 से 45 आयु वर्ग के लिए टीकाकरण के चरण से पहले महाराष्ट्र सरकार कोविड 19 की खुराक को लेकर केंद्र सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। महाराष्ट्र सरकार के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ प्रदीप व्यास ने कहा कि उनकी सरकार 18 से 45 उम्र के वर्ग लोगों को टीकाकरण करने का फैसला किया है। इसका अनुमान करीब 5 करोड़ है, जिसके लिए 12 करोड़ वैक्सीन खुराक की जरूरत होगी।
वैक्सीन मूल्य और अन्य शर्तों की मांगी जानकारी
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ प्रदीप व्यास ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला और भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ कृष्णा एम एला को इसके बारे में पत्र लिखे है। डॉ प्रदीप व्यास ने पूनावाला और कृष्णा से पूछा कि कोविशिल्ड (एसआईआई) और कोवैक्सीन (बीबीआईएल) की कितनी खुराकें हैं। दोनों कंपनियां महाराष्ट्र सरकार को आपूर्ति कर सकती हैं। यह मई 2021 से अगले छह महीनों तक हर महीने इनकी जरूरत पड़ेगी। महाराष्ट्र सरकार ने वैक्सीन मूल्य निर्धारण और किसी भी अन्य शर्तों के बारे में भी जानकारी मांगी है।
निजी बाजारों में वैश्विक टीके की कीमत बहुत ज्यादा
आपको बता दें कि पिछले दिनों दोनों कंपनियों ने घरेलू बाजार में वैक्सीन की आपूर्ति के लिए अपनी संशोधित कीमतों की घोषणा की थी। एसआईआई कोविशिल्ड वैक्सीन को 400 रुपये प्रति खुराक पर और निजी अस्पतालों को 600 रुपये प्रति खुराक पर उपलब्ध करवा रहे है। वहीं बीबीआईएल इसे 600 रुपये प्रति खुराक पर राज्य सरकारों को और 1,200 रुपये प्रति निजी अस्पतालों को दे रहा है। एसआईआई बताया कि निजी बाजारों में वैश्विक टीके बहुत अधिक दरों पर मिल रहे है। 1500 रुपये प्रति डोज (अमेरिकी खुराक), और 750 प्रति डोज (रशियन और चाइनीज डोज)। वहीं बीबीआईएल ने कहा कि कंपनी अपने टीकों को 15-20 डॉलर प्रति खुराक (लगभग औसतन रु 1200 रुपये प्रति खुराक) बीच में निर्यात कर रही है।
Updated on:
28 Apr 2021 09:21 am
Published on:
28 Apr 2021 08:57 am
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