
विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने का प्लान तैयार, स्वदेश वापसी का यह होगा नियम
नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस ( coronavirus ) का संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है। घातक कोरोना वायरस ( Coronavirus in india ) से पिछले 24 घंटे में 195 लोगों की मौत हो गई है।
वहीं संक्रमण के 3,900 नए मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ( Health Ministry ) ने कोरोना वायरस को लेकर नए आंकड़े जारी किए हैं।
वहीं, कोरोना वायरस ( Coronavirus Outbreak ) की रोकथाम के लिए देश में 17 मई तक के लिए लॉकडाउन लागू है।
ऐसे में केंद्र और राज्य सरकारें देश और विदेश में फंसे अपने नागरिकों को वापस लाने में जुटी है।
इस कड़ी में केंद्र सरकार ने विदेशों में फंसे लोगों को वापस लाने के लिए 7 दिन में 64 फ्लाइट्स की व्यवस्था की है।
विदेशों में फंसे इन सभी नागरिकों को एयर इंडिया की फ्लाइटों से स्वदेश लाया जाएगा। इसके साथ ही प्राइवेट विमाान कंपनियों को यह विकल्प खुला रखा है।
अगर वो भी इस काम में अपनी सेवाएं देना चाहती हैं तो दे सकती हैं। गौरतलब है कि दुनिया के तमाम देश अन्य देशों में फंसे अपने—अपने नागरिकों को वापस लाने का काम कर रहे हैं।
भारत के पास भी ऐसे कई आवेदन आए हैं। यही वजह है कि अपने नागरिकों को विदेशों से लाना केंद्र सरकार की प्राथमिकता में शामिल है।
वहीं, सरकार ने सुरक्षा का ध्यान रखते हुए एयर एम्बुलेंस के अलावा किसी भी एयर क्राफ्ट को इजाजत नहीं दी है।
जानकारी के अनुसार पहले हफ्ते में विदेशों से 15 हजार नागरिक स्वदेश लाए जाएंगे। ऐसे में इन सभी लोगों से यात्रा के लिए शुल्क लिया जाएगा।
हालांकि यह शुल्क दूरी और उड़ानों के हिसाब से रखा जाएगा। इसके लिए 10 हजार से एक लाख रुपए तक शुल्क रखा गया है। इस दौरान विदेशों से आने वाले सभी यात्रियों की स्क्रीनिंग जाएगी, जिसके बाद उनको 14 दिन के क्वारंटाइन रखा जाएगा।
Updated on:
05 May 2020 05:45 pm
Published on:
05 May 2020 05:36 pm
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