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Coronavirus In India: दिल्ली एम्स में आज से बच्चों पर वैक्सीन ट्रायल शुरू, तीसरी लहर से पहले तैयार होगा सुरक्षा कवच

Coronavirus In India भारत में तीसरी लहर से पहले बच्चों के लिए सुरक्षा कवच तैयार करने में जुटी सरकार, दिल्ली एम्स में शुरू हुआ ट्रायल

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Coronavirus In India Vaccine trial begins on Children in Delhi AIIMS from june 7

नई दिल्ली। देशभर में कोरोना वायरस ( Coronavirus in india ) की दूसरी लहर का असर अब कमजोर हो रहा है, लेकिन खतरा अब भी टला नहीं है। विशेषज्ञों की मानें तो जल्द ही देश में कोविड-19 की तीसरी लहर दस्तक दे सकती है। यही नहीं तीसरी लहर सबसे ज्यादा बच्चों को प्रभावित करेगी। हालांकि इससे निपटने के लिए सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है।

कोरोना से बचाव के तौर पर वैक्सीनेशन ( Corona Vaccination ) को ही बड़ा हथियार माना जा रहा है, ऐसे में भारत अब बच्चों को टीका लगाने की तैयारी में है। इसके लिए दिल्ली एम्स ( Delhi Aiims ) में 7 जून सोमवार से बच्चों पर कोरोना की वैक्सीन का ट्रायल शुरू होने जा रहा है।

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इस वैक्सीन का होगा ट्रायल
भारत में 7जून का दिन काफी अहम है क्योंकि दिल्ली स्थित एम्स में कोरोना की तीसरी लहर से पहले बच्चों पर टीके का ट्रायल शुरू किया जा रहा है। बच्चों पर भारत बायोटेक की 'कोवैक्सिन' टीके का ट्रायल शुरू किया जाएगा।

पहले चरण में 16 बच्चे होंगे शामिल
इस ट्रायल के पहले चरण में कुल 16 बच्चे शामिल होंगे। इससे पहले भारत बायोटेक ने 12 से 18 वर्ष के बच्चों को लेकर पटना एम्स में वैक्सीन ट्रायल किया गया था। जहां 3 जून को बच्चों को टीके की डोज लगाई गई।

पहले बच्चों की होगी स्क्रीनिंग
ट्रायल शुरू करने से पहले बच्चों की अच्छी तरह स्क्रीनिंग की जाएगी जिसमें देखा जाएगा कि वो पूरी तरह से स्वस्थ है या नहीं। स्वस्थ पाए जाने के बाद ही बच्चों को टीका लगाया जाएगा।

इन बातों पर रहेगा फोकस
एम्स, पटना के निदेशक डॉ प्रभात कुमार सिंह ने कहा, ट्रायल के लिए 54 बच्चों ने रजिस्ट्रेश किया था, जिनमें से 12 से 18 साल की उम्र के 16 बच्चे थे। उन्होंने कहा कि शारीरिक परीक्षण के अलावा, इन बच्चों पर कोविड -19 एंटीबॉडी या किसी अन्य पहले से मौजूद बीमारियों की जांच के लिए आरटी-पीसीआर परीक्षण भी किए गए।

दरअसल ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ( DCGI ) से अनुमति मिलने के बाद, एम्स दिल्ली अब असल ट्रायल शुरू करने से पहले स्क्रीनिंग शुरू कर रहा है।

डीसीजीआई की मंजूरी 12 मई को एक विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) की सिफारिश के बाद आई है।
इन परीक्षणों के बाद, आयु वर्ग को 6-12 साल और फिर 2-6 साल में बांट दिया जाएगा, लेकिन फिलहाल 12-18 साल के आयु वर्ग में ट्रायल शुरू कर दिए हैं।

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ऐसे चरणबद्ध तरीके से शुरू हुआ टीकाकरण
देश में कोरोना वैक्सीनेशन की शुरुआत 16 जनवरी से हुई। पहले चरण में हेल्थ वर्कर्स को टीका लगाया गया था। इसके बाद दूसरे चरण में फ्रंट लाइन वॉरियर्स को टीका लगा था, 1 मार्च से 60 वर्ष से अधिक उम्र वालों का टीकाकरण शुरू हुआ। जबकि 1 अप्रैल से 45 साल से ऊफर के लोगों को टीका लगाने की अनुमति मिल गई थी। वहीं 1 मई से 18 से 44 साल तक के लोगों को भी टीका लगाया जा रहा है।