क्या RT-PCR टेस्ट में निगेटिव रिपोर्ट का कारण म्यूटेंट है? विशेषज्ञ ने दिया सटीक जवाब
कई लोगों में कोरोना वायरस के लक्षण होने के बावजूद उनकी आरटी-पीसीआर टेस्ट रिपोर्ट में निगेटिव रिजल्ट आ रहा है। इसके पीछे की वजह कोविड-19 के नए म्यूटेंट स्ट्रेन को बताया जा रहा है। जानिए क्या है हकीकत।
Nationwide COVID-19 Testing sees major drop since Wednesday
नई दिल्ली। देश में तेजी से बढ़ती कोविड-19 टेस्टिंग के बीच आरटी-पीसीआर परीक्षणों और नतीजों के लिए लंबे इंतजार के बीच इसकी झूठी निगेटिव रिपोर्टों पर चिंता व्यक्त की जा रही है। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि नए म्यूटेंट स्ट्रेन के कारण भले ही कोई व्यक्ति वास्तव में कोरोना पॉजिटिव हो और उसमें संक्रमण के लक्षण हों, आरटी-पीसीआर टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आ रही है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा किए गए एक ट्वीट में डॉ. अग्रवाल ने एक वीडियो में कहा, “डबल म्यूटेंट को पीसीआर पॉजिटिव के जरिए सीक्वेंस किया गया था। इसलिए यह संभव नहीं है कि म्यूटेंट आरटी-पीसीआर टेस्ट से बच जाए। तब हम इसका सीक्वेंस नहीं कर सकते थे।” #Unite2FightCorona
उन्होंने कहा, “दुनिया में सभी संभावित सीक्वेंस को नियमित रूप से जांचा जा रहा है और ऐसा कोई स्ट्रेन नहीं है जो डबल जीन टेस्टिंग से बच सके।” उन्होंने आगे कहा, “लोगों को यह याद रखना चाहिए कि पीसीआर की संवेदनशीलता 70 प्रतिशत है। किसी के मुंह और नाक में वायरस का लोड लक्षण दिखाने से एक दिन पहले सबसे अधिक रहता है। फिर वायरस का लोड धीरे-धीरे कम हो जाता है। यदि लोग 7 से 8 दिनों के बाद देर से जांच करवाते हैं, तो नकारात्मक टेस्ट रिपोर्ट मिलना संभव है क्योंकि वायरस शरीर के अंदर जा सकता है।”
Don’t Read: मत पढ़िए इस मुस्कुराती डॉक्टर की कहानी, कोरोना वायरस रोज दे रहा है दर्दभरी निशानी डॉ. अग्रवाल ने कहा कि शरीर में लक्षण मौजूद होने के बावजूद टेस्ट में निगेटिव रिपोर्ट आना कोई नई बात नहीं है और ना ही किसी नए स्ट्रेन के कारण है। यह शुरुआत से ही ऐसा था कि यदि परीक्षण में देरी हुई तो टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आ सकती है।
RT-PCR (रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन-पॉलीमरेज़ चेन रिएक्शन) टेस्ट को कोविड-19 का पता लगाने में काफी बेहतर माना जाता है और इसीलिए केंद्र सभी राज्यों से आरटी-पीसीआर परीक्षण का प्रतिशत बढ़ाने के लिए कह रहा है, लेकिन अगर किए जा रहे सभी परीक्षणों को ध्यान में रखा जाए तो इसकी संवेदनशीलता 70 प्रतिशत से ज्यादा नहीं है।