नई दिल्लीPublished: Jun 05, 2021 04:03:46 pm
Shaitan Prajapat
एक नई रिपोर्ट के अनुसार, भारत में अकेले अस्पतालों द्वारा पिछले महीने हर दिन दो लाख किलोग्राम से अधिक बायोमेडिकल कचरा उत्पन्न हुआ था। इसमें संबंधित जैविक, मानव रक्त और रक्त उत्पाद, दूषित शार्प, शरीर के कटे हुए अंग और अलगाव अपशिष्ट शामिल हैं।
नई दिल्ली। महामारी कोरोना वायरस की वजह से कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इनमें से एक बायोमेडिकल कचरे की की मात्रा में तेजी से वृद्धि हुई है। फेस मास्क से लेकर स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले पीपीई किट और परीक्षण के लिए एकत्र किए गए नमूनों से देश में बायोमेडिकल कचरे की मात्रा में भारी वृद्धि हुई है। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, भारत में अकेले अस्पतालों द्वारा पिछले महीने हर दिन दो लाख किलोग्राम से अधिक बायोमेडिकल कचरा उत्पन्न हुआ था। इसमें संबंधित जैविक, मानव रक्त और रक्त उत्पाद, दूषित शार्प, शरीर के कटे हुए अंग और अलगाव अपशिष्ट शामिल हैं।