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दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020: किस पार्टी को मिलेगी दिल्ली की कमान, इतने प्रतिशत वोट करेंगे तय

बीजेपी को जीत के लिए अपने खाते में कम से कम 10.9 प्रतिशत ज्यादा वोट लाना होगा।

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अरविंद केजरीवाल।

नई दिल्ली।दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 का मुकाबला रोचक होने वाला है। बीते चुनाव में तीन सीटों पर सिमट चुकी भाजपा ने इस बार जीत के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। वहीं सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी भी अपनी जीत को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त है। तीसरी तरफ कांग्रेस भी बड़ी जीत का दावा कर रही है।

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2015 चुनाव के लिहाज से पार्टियों का हाल

2015 के बीते विधानसभा चुनाव में आप को 54.6 प्रतिशत वोट मिले थे, जिसके दम पर उसने 32.8 प्रतिशत वोट पाने वाली बीजेपी और सिर्फ 9.7 प्रतिशत वोट पाने वाली कांग्रेस को हरा दिया था। इस लिहाज से सोचें तो आप को टक्कर देने के लिए बीजेपी को अपने खाते में कम से कम 10.9 प्रतिशत ज्यादा वोट लाना होगा। यह तो माना जा रहा है कि आप के कुछ मतदाता इस बार पाला बदलेंगे, लेकिन उनका एक हिस्सा ही बीजेपी में जाएगा जबकि कुछ कांग्रेस एवं अन्य पार्टियों में। तब बीजेपी के लिए दिल्ली जीतने का जरूरी आंकड़ा और भी बढ़ जाएगा।

निकाय चुनाव के आधार पर

दूसरी तरफ, अगर हम 2017 के निकाय चुनाव के आंकड़ों पर गौर करें तो बीजेपी उस चुनाव में 36.1% वोट हासिल कर आप (26.2%) और कांग्रेस (21.1%) से आगे निकली थी। ऐसे में आप को बीजेपी के महज 5% मतदाताओं को अपने में शामिल करना होगा।

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लोकसभा चुनाव के आधार पर

2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी और उसके प्रतिद्वंदियों के बीच का अंतर 2015 में आप को मिली बढ़ते से भी अधिक है। बीते लोकसभा चुनाव में दिल्ली के 56.9% मतदाताओं ने बीजेपी का साथ दिया था। इस दौरान कांग्रेस 22.6% वोट पाकर दूसरे और आप 18.2% वोट के साथ तीसरे नंबर पर रही थी।

दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार नए चेहरों के साथ-साथ करीब तीन दशक पुराने चेहरे भी किस्मत अजमा रहे हैं। दिल्ली की कुल 70 सीटों पर लड़ रहे उम्मीदवारों में से 11 उम्मीदार ऐसे हैं, जिन्होंने दिल्ली में 1993 विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज कराई थी। दिल्ली में पहले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने बहुमत हासिल कर दिल्ली की सत्ता पर काबिज हुई थी। 11 विधायकों में दो आम आदमी पार्टी से, तीन भाजपा से और छह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।

आप ने दो विधायकों को दिया टिकट

1993 में रामनिवास गोयल भाजपा से चुनाव जीतकर विधायक चुने गए थे। इस बार रामनिवास गोयल आम आदमी पार्टी से शाहदरा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।वहीं शोएब इकबाल दिल्ली के 1993 विधानसभा चुनाव में मटियामहल सीट से जनता दल से विधायक चुने गए थे। इस बार उन्होंने चुनाव से पहले केजरीवाल का दामन लिया था। इस बार वह आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।

नए मतदाताओं के दम पर हो सकता है चमत्कार

बीते चुनावों के मुकाबले इस बार युवाओं के वोट अधिक पड़ने वाले हैं। क्योंकि दिल्ली में हर चुनाव में नए वोटर बड़ी तादाद में जुड़ते हैं। 2015 से 2019 के बीच मतादाताओं की तादाद 1 करोड़ 33 लाख 10 हजार से बढ़कर 1 करोड़ 43 लाख 30 हजार हो गई थी। यानी सिर्फ चार वर्षों में 10.2 प्रतिशत का इजाफा।


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