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यमुना नदी में कम होगा प्रदूषण, नए BIS मानकों का पालन नहीं करने वाले साबुन-डिटर्जेंट पर लगी रोक

locationनई दिल्लीPublished: Jun 15, 2021 08:45:37 am

Submitted by:

Mohit Saxena

यमुना मॉनिटरिंग कमेटी (वाईएमसी) की सिफारिशों पर दिल्ली सरकार ने घटिया साबुन और डिटर्जेंट पर पाबंदी लगाने का फैसला लिया है।

yamuna river

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नई दिल्ली। यमुना नदी में बढ़ते प्रदूषण स्तर को कम करने के लिए दिल्ली सरकार ने सोमवार को घटिया साबुन और डिटर्जेंट पर पाबंदी लगाने का फैसला लिया है। सरकार के अनुसार नवीनतम बीआईएस (Bureau of Indian Standards) के मानकों पर खरे न पाए जाने पर इनकी बिक्री, भंडारण, परिवहन और मार्केटिंग पर पाबंदी लगाई जाए।
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एनजीटी ने दिया था सुझाव

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने जनवरी में यमुना मॉनिटरिंग कमेटी (वाईएमसी) की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया था। इसने दिल्ली सरकार को डिटर्जेंट की बिक्री,भंडारण और परिवहन और मार्केटिंग पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी करने का सुझाव दिया था क्योंकि ये संशोधित बीआईएस मानकों के अनुरूप नहीं है। दरअसल यमुना नदी में ऐसे उत्पाद पानी को गंदा कर रहे हैं। इनको तैयार करने में लगाए गए केमिकल पानी को प्रदूषित कर रहे हैं। यमुना में इस तरह का कूड़ा गिरने से पानी और जहरीला होता जा रहा है।
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सख्त निगरानी और जांच जरूरी

एनजीटी ने घटिया साबुन और डिटर्जेंट के उपयोग के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता अभियान शुरू करने का भी आदेश जारी किया था। दिल्ली में साबुन और डिटर्जेंट की बिक्री,भंडारण,परिवहन और मार्केटिंग सुविधाओं से संबंधित दुकानों और अन्य प्रतिष्ठानों पर नियंत्रण रखने वाले स्थानीय निकायों, नागरिक आपूर्ति विभाग और जिला प्रशासन सहित सभी संबंधित अधिकारियों को सख्त निगरानी और जांच के माध्यम से निर्देशों का अनुपालन करने को कहा गया है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने सोमवार को जारी एक आदेश में यह बात कही। प्रदूषण निकाय ने संबंधित अधिकारियों से निरीक्षण के साथ मासिक कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है।
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