
इराक के मोसुल में 39 भारतीयों की मौत पर घिरी केंद्र सरकार, दिल्ली हाईकोर्ट ने पूछे तीखे सवाल
नई दिल्ली। आईएसआईएस द्वारा इराक के मोसूल में 39 भारतीयों की हत्या के मामले में मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार पर तीखे प्रहार किए। केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने पूछा है कि मोसुल में मारे गए इन लोगों के नारे में सरकार के पास क्या जानकारी है ? साथ ही कोर्ट ने यह भी पूछा कि ये सभी लोग कब लापता हुए थे । अदालत ने सरकार से यह भी जानना चाहा कि लापता होने की सूचना मिलने के बाद इनकी तलाश करने के लिए क्या कदम उठाए गए !
यह याचिका एक वकील महमूद प्राचा ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार और विदेश मंत्रालय के अधिकारियों की लापरवाही की वजह से 39 भारतीय लोगों की जान गई और सरकार ने गलत जानकारी देकर वहां फंसे लोगों के परिजनों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है। लिहाजा कोर्ट इस पूरे मामले की न्यायिक जांच करने के आदेश दे और मारे गए लोगों के परिजनों को उचित मुआवजा दिलाए।
बार बार इराक़ क्यों गए विदेश राज्य मंत्रीं
मोसुल में मारे गए भारतीयों पर एक याचिका की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार ने इस मुद्दे पर लोगों को गुमराह करने की कोशिश की है।विदेश मंत्री वी.के सिंह की ओर से किए गए मोसुल दौरे पर तंज करते हुए कोर्ट ने पूछा है कि वह कितनी बार इस मुद्दे के सिलसिले में इराक गए थे और उन्हें इन दौरों से क्या हासिल हुआ ! कोर्ट के सवालों का केन्द्र सरकार के वकील कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाए । अब कोर्ट ने सरकार से इन दौरों का ब्यौर अगली सुनवाई के दौरान पेश करने के लिए कहा है।कोर्ट ने सरकार से मामले में विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट दायर करने को कहा है।
अगली सुनवाई पर मांगी जानकारी
हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से अगली सुनवाई के दौरान विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। साथ ही कोर्ट ने संसद में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के ब्यौरे की स्टेटस रिपोर्ट भी मांगी है। इस मामले की अगली सुनवाई 31 मई को होगी।
Published on:
30 May 2018 07:41 am
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