इन तीन आतंकियों में लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर एजाज उर्फ अबू हुरैरा भी शामिल है। इसे सेना की बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। कश्मीर जोन के आईजी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दक्षिण कश्मीर के पुलवामा में लंबी चली मुठभेड़ के बाद यह बड़ी सफलता मिली है।
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आतंकी हमले को लेकर बिहार में हाई अलर्ट जारी, कश्मीर, यूपी और बंगाल में सुरक्षा एजेंसियों नाकाम की साजिशें पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया सूचना पर पुलवामा शहर की मुख्य कॉलोनी में मंगलवार देर रात राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर), जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने एक संयुक्त घेरा और तलाशी अभियान शुरू किया था।
जम्मू और कश्मीर पुलिस के मुताबिक पुलवामा इलाके में दो आतंकियों के छिपे होने की सूचना के बाद इलाके में तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया। इस बीच आतंकियों ने बचाव के लिए फायरिंग शुरू कर दी। फिलहाल इलाके में बड़ी संख्या में पुलिस बल और सुरक्षाकर्मी तैनात हैं और आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दिया।
एक हफ्ते में दूसरी मुठभेड़
घाटी में लगातार आतंकियों के सफाए के लिए अभियान चलाया जा रहा है। इससे पहले 8 जुलाई को पुलवामा में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गए थे।
ये मुठभेड़ ऐसे समय हुईं थी जब हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के पांच साल पूरे होने पर गुरुवार को घाटी के कुछ इलाके बंद थे। यह भी पढ़ेंः
Jammu kashmir: सुरक्षा बल के जवानों को बड़ी कामयाबी, 24 घंटे में मुठभेड़ में पांच आतंकियों को मार गिराया इसी दिन जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में भी मुठभेड़ में दो आतंकी मारे गए थे। 24 घंटे में सुरक्षा बल के जवानों ने 5 आतंकियों को ढेर किया था।
कुलगाम में मारे गए आतंकियों की पहचान आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा के किफायत रमजान सोफी और अल बद्र के इनायत अहमद डार के रूप में हुई है। इसके साथ ही एलओसी से सटे राजोरी जिले के सुंदरबनी सेक्टर में भी पिछले महीने जून में सेना ने घुसपैठ को नाकाम करते दो पाकिस्तानी आतंकियों को मार गिराया। मुठभेड़ में नायब सूबेदार समेत दो जवान भी शहीद हो गए।