
Explained: How Mount Everest got to be declared 86 cm taller
नई दिल्ली। दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई पहले की तुलना में बढ़ गई है। एवरेस्ट की ऊंचाई 8848 मीटर थी। अब इसे 8848.86 मीटर नापा गया है। एवरेस्ट की नई ऊंचाई का ऐलान नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ज्ञवली और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने साथ में किया।
कैसे मापी गई ऊंचाई?
साल 2015 में नेपाल में आए 7.8 तीव्रता के भूकंप के बाद नेपाल सरकार का ऐसा अनुमान था कि चोटी की ऊंचाई में बदलाव आया है। जिसके बाद इसे दोबारा नापने का फैसला किया गया था। इसके लिए
साल 2019 के अक्टूबर महीने में नेपाल और चीन के बीच माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई नापने पर समझौता भी हुआ था। इसके तहत माउंट झूमलांगमा और सागरमाथा की ऊंचाई नापना तय हुआ था। इसके बाद एक दल को चोटी पर भेजा गया था।
पहले ऊंचाई का पता ट्रिग्नोमेट्री की मदद से चोटी के ऊपर और ज़मीन पर चुने गए पॉइंट्स के बीच बनने वाले कोण के सहारे लगाया जाता था। लेकिन इस बार वैज्ञानिक चोटी पर एक जीपीएस सिस्टम को सैटेलाईट से मिलने वाली जानकारी के ज़रिए कैलकुलेशन करके पता लगाया है।एवरेस्टट के शिखर पर पहुँचकर दल ने ग्लोबल नैविगेशन सैटलाइट और ग्रैवीमीटर की मदद से विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई नापी। जिससे पता चला की अब चोटी और ऊंची हो गई है।
ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक साल 2015 में माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8844.43 मीटर थी, वहीं अब यह बढ़कर 8848.86 हो गई है। यानी अब चोटी पहले की तुलना में 2.8 फीट लंबी हो गई है।
एवरेस्ट की ऊंचाई में लगातार हो रही बढ़ोतरी
साल 1954 में सर्वे ऑफ इंडिया ने भी माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई को नापा था। उस वक्त इसकी ऊंचाई 8848 मीटर बताई गई थी। तब की तुलना में अब इसकी ऊंचाई में लगभग एक मीटर की बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा साल 1975 में भी चीन ने एवरेस्टट की ऊंचाई का नाप लिया था। इस दौरान इसकी ऊंचाई 8,848.13 मीटर और वर्ष 2005 में 8,844.43 मीटर थी। इसकी बढ़ती ऊंचाई को लेकर कई वैज्ञानिक दावा कर चुके हैं कि एवरेस्ट की ऊंचाई हर साल बढ़ रही है। उनका मानना है कि एवरेस्ट अरावली की पहाड़ियों की तुलना में काफी नई है। इसलिए ये स्थिर भी नहीं है। इसके नीचे की टेक्टोनिक प्लेटें घूम रही हैं। जिसकी वजह से इसकी ऊंचाई बदलाव होता रहता है।
Published on:
08 Dec 2020 09:10 pm
बड़ी खबरें
View Allविविध भारत
ट्रेंडिंग
