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Farmer Protest: सरकार और किसानों की बातचीत बेनतीजा, अगले दौर की वार्ता 5 दिसंबर को

किसान यूनियनों और केंद्र के बीच 7 घंटे चली बातचीत बिना किसी समाधान के समाप्त हो गई अब अगले दौर की वार्ता पांच दिसंबर को, किसानों ने सरकार को लिखित में अपने सुझाव दिए

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नई दिल्ली। किसान यूनियनों ( Farmer unions ) और केंद्र सरकार ( Central Government ) के प्रतिनिधियों के बीच गुरुवार को सात घंटे तक चली लंबी बातचीत बिना किसी समाधान के समाप्त हो गई है। अब अगले दौर की वार्ता पांच दिसंबर को निर्धारित की गई है। सूत्रों के अनुसार, किसानों ने सरकार को लिखित में अपने सुझाव दिए हैं। इससे पहले दिन में 34 से अधिक किसान नेताओं ( Farmer Leaders ) के एक समूह ने केंद्र सरकार के साथ वार्ता के दौरान पांच-सूत्री मांगें रखीं, जो न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर एक विशिष्ट कानून की रूपरेखा तैयार करती हैं और चौथे दौर के दौरान पराली जलाने पर सजा के प्रावधान को समाप्त करती हैं।

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MSP हमेशा जारी रहेगा

मांगों के लिखित पांच-बिंदु सेट में प्रमुख मांगों में से एक संसद के मानसून सत्र के दौरान सितंबर में पारित तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करना है। इसमें आगामी बिजली (संशोधन) अधिनियम, 2020 के बारे में भी आपत्तियां उठाई गई हैं। किसानों ने इस बात पर जोर दिया कि पराली जलाने के लिए मामला दर्ज करने का प्रावधान समाप्त किया जाना चाहिए। इसके अलावा किसानों ने सवाल उठाया कि सरकार आखिर क्यों MSP पर उन्हें लिखित आश्वासन देने के लिए तैयार नहीं है, जबकि उसने पहले कहा था कि MSP हमेशा जारी रहेगा।

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MSP पर एक नया कानून बनाया जाए

किसान यूनियनों के प्रतिनिधियों ने जोर देकर कहा कि संसद के एक विशेष सत्र में MSP पर एक नया कानून बनाया जाए। उन्होंने यह भी मांग की कि उन्हें MSP की गारंटी दी जानी चाहिए, न केवल अब बल्कि भविष्य में भी यह गारंटी होनी चाहिए। किसान नेताओं ने चिंता जताते हुए कहा कि मान लें कि MSP जारी रहे, लेकिन खरीद बंद हो जाए। तब तो MSP का कोई मतलब ही नहीं रह जाएगा।

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किसान यूनियनों के प्रतिनिधियों ने रखा पक्ष

किसान यूनियनों के प्रतिनिधियों ने कहा कि सरकार ने कहा है कि तीन कृषि कानून किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए लाए गए हैं। हालांकि उन्होंने कभी इन पर ध्यान नहीं दिया। किसानों को लगता है कि बड़े व्यवसाइयों और कॉर्पोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए कृषि कानूनों को पारित किया गया है।