
किसान आंदोलन: भाकियू का ऐलान- अब इस दिन रेल ट्रैक को करेंगे जाम
नई दिल्ली। नए कृषि कानून कानूनों ( New Farm Laws ) के खिलाफ किसानों का धरना प्रदर्शन ( Farmer Protest ) जारी है। किसानों ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर कानून वापस नहीं होते तो वो वापस नहीं जाएंगे। इस बीच किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने शनिवार को सूचित किया कि कॉरपोरेटाइजेशन ( Corporateization )
और निजीकरण ( Privatization ) के खिलाफ 13 मार्च को राष्ट्रव्यापी आंदोलन किया जाएगा, जिसमें किसान और मजदूर रेलवे लाइनों को जाम करेंगे और वहीं पर आंदोलन करेंगे। भारतीय किसान संघ ( BKU ) के प्रवक्ता पाल ने कहा कि यह चल रहे विरोध को तेज करने के लिए हमारा अगला कदम है।
पाल कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेसवे में मौजूद थे, जिसे शनिवार को हजारों किसानों द्वारा तीन नए कृषि कानून के विरोध में अवरुद्ध किया गया था। आईएएनएस से बात करते हुए, पाल ने इंटरनेट शटडॉउन, सरकार की सख्ती इत्यादि मुद्दे पर कहा कि हम क्या कर सकते हैं अगर ऐसी चीजें हमारे साथ होती हैं। हम केवल इस बाबत एहतियात बरत सकते हैं कि कोई विरोधी तत्व हमारे आंदोलन को घुसपैठ नहीं करे। किसानों के आंदोलन के 100 वें दिन किसानों ने 135 किमी लंबे केएमपी एक्सप्रेसवे को सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक अवरुद्ध कर दिया। हालांकि यह प्रदर्शन शांतिपूर्वक समाप्त हो गया।
आपको बता दें कि किसान आंदोलन को 100 दिन से ज्यादा हो गए हैं, बावजूद इसके अभी समस्या का कोई समाधान निकलता नजर नहीं आ रहा है। हालांकि कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसानों के बीच 11 दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन दोनों के बीच कोई सहमति नहीं बन पाई है। दरअसल, किसान कृषि कानूनों की वापसी और न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर कानून बनाने की मांग पर अड़े हैं, जबकि सरकार ने साफ कर दिया है कि कानूनों केवल आवश्यक संशोधन ही हो सकते हैं। इसके साथ ही सरकार ने इन कानूनों को 18 महीनें तक निलंबित करने की बात भी कही है। लेकिन इतने पर राजी नहीं हैं।
किसान उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम 2020, मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम 2020 पर किसान सशक्तिकरण और संरक्षण समझौता हेतु सरकार का विरोध कर रहे हैं
Updated on:
06 Mar 2021 09:41 pm
Published on:
06 Mar 2021 09:27 pm
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