अमित शाह ने कहा कि कोई प्रोपेगेंडा भारत की एकता को न तोड़ सकता है और न ही कम कर सकता है। हम एकजुट होकर प्रगति की ओर चलेंगे। कोई भी दुष्प्रचार भारत को ऊंचाइयों तक जाने से नहीं रोक सकता। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव के ट्वीट पर गृहमंत्री अमित शाह ने ये बातें कही है।
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उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा ‘कोई भी प्रोपेगेंडा भारत की एकता को नहीं तोड़ सकता है! कोई भी प्रचार भारत को नई ऊंचाइयों को प्राप्त करने से नहीं रोक सकता है! प्रोपेगेंडा भारत के भाग्य का फैसला नहीं कर सकता है। भारत प्रगति के लिए एकजुट है।’ इसके साथ ही उन्होंने हैशटैग #IndiaAgainstPropaganda #IndiaTogether का भी जिक्र किया है।
बता दें कि किसान आंदोलन को लेकर एक के बाद एक कई विदेशी हस्तियों ने ट्वीट करते हुए प्रतिक्रियाएं दी है और अपना समर्थन जताया है। इसमें अमरीकी पॉप स्टार रिहाना, पूर्व पॉर्न स्टार मिया खलीफा, पर्यावरण संरक्षण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग आदि प्रमुख हैं।
किसान आंदोलन पर विदेशी हस्तियों की प्रतिक्रिया
आपको बता दें कि पॉप स्टार रिहाना ने हैशटैग #FarmersProtest के साथ ट्वीट करते हुए किसान आंदोलन से जुड़ी खबर शेयर की और लिखा कि हम इस बारे में बात क्यों नहीं कर रहे? वहीं, पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने कहा कि हम भारत में किसानों के प्रदर्शन में एकजुटता से खड़े हैं।
इसके अलावा पूर्व पोर्न स्टार मिया खलीफा ने भी ट्वीट करते हुए कहा कि मानवाधिकार उल्लंघन में ये सब क्या हो रहा है? नई दिल्ली के आसपास इंटरनेट काट दिया गया है। मैं किसानों के साथ खड़ी हूं। एक पोस्टर शेयर करते हुए उन्होंने यह भी लिखा कि ‘किसानों को मारना बंद करो।’
एक्स पोर्न स्टार मिया खलीफा ने किसान आंदोलन का किया समर्थन, कहा- किसानों को मारना बंद करो
वहीं, अमरीकी उप राष्ट्रपति कमला हैरिस की भांजी मीना हैरिस ने कहा, ‘यह महज संयोग नहीं है कि अभी एक माह भी नहीं हुआ कि दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र पर हमला हुआ और जब हम बात कर रहे हैं उस वक्त सबसे बड़े लोकतंत्र पर हमला हो रहा है’।
बता दें कि विदेशी हस्तियों के ट्वीट पर बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार, अजय देवगन, सुनील शेट्टी, करन जौहर, कंगना रनौत समेत सचिन तेंदुलकर ने भी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा ये हमारा आंतरिक मामला है।
विदेश मंत्रालय ने जताई कड़ी आपत्ति
इन तमाम विदेशी शख्सियतों द्वारा किसान आंदोलन को लेकर किए जा रहे ट्वीट पर विदेश मंत्रालय ने सख्त तेवर दिखाया और इसे गैर-जिम्मेदाराना हरकत बताया। मंत्रालय ने स्पष्ट कहा ‘हम आग्रह करते हैं कि प्रदर्शन के बारे में जल्दबाजी में टिप्पणी से पहले तथ्यों की जांच-परख कर लेनी चाहिए। भारत की संसद ने पूर्ण बहस और चर्चा के बाद कृषि क्षेत्र से संबंधित सुधारवादी कानून पारित किए।’