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गुवाहाटी हाईकोर्ट का आदेश, हिरासत में 2 साल पूरा करने वाले विदेशी बंदियों को तुरंत करें रिहा

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने असम के डिटेंशन कैंपों में बंद उन लोगों को तत्काल रिहा करने का निर्देश दिया है, जो वहां 2 साल या उससे अधिक समय से रह रहे हैं।

May 15, 2021 / 02:19 pm

Shaitan Prajapat

gauhati high court

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नई दिल्ली। गुवाहाटी हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। कोर्ट ने असम के डिटेंशन कैंपों में बंद उन लोगों को तत्काल रिहा करने का निर्देश दिया है, जो वहां 2 साल या उससे अधिक समय से रह रहे हैं। मुख्य न्यायाधीश सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति मनश रंजन पाठक की पीठ ने निर्देश दिया कि ऐसे मामलों की अलग से सुनवाई करने वाली पीठ के बजाय इन बंदियों को तुरंत रिहा किया जाए। याचिकाकर्ता समसुल हक को विदेशी घोषित करने वाले विदेशी न्यायाधिकरण, जोरहाट के 13 मई, 2019 के आदेश के खिलाफ याचिका दायर की गई थी।

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5000 मुचलके पर रिहा के निर्देश
हाईकोर्ट ने अप्रैल 2020 में दिए गए सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर भरोसा किया और कहा कि एक बंद को साल की हिरासत पूरी करने के बाद रिहा किया जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता को 5,000/- रुपये (पांच हजार रुपये) के निजी मुचलके और दो जमानतदारों की बजाय एक एक जमानत पर रिहा रिहा किया जाए। गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने राज्य में कोरोना की स्थिति पर पिछले साल स्वतः संज्ञान याचिका पर द‌िए आदेश में संशोधन किया है और अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे उन विदेशी बंदियों को 5,000 रुपए के बांड और कोविड की दूसरी लहर मद्देनजर, दो जमानत के बजाय एक जमानत पर रिहा करें, जिन्होंने दो साल की हिरासत की अवधि पूरी कर ली है।

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48 घंटे में आदेश की प्रति सभी जिलों में भेजी जाए
हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि 48 घंटे के भीतर इस आदेश की एक प्रति सभी जिलों के सभी पुलिस अधीक्षक (सीमा) को भेजी जाए, जिसमें सभी जेलों और हिरासत केंद्रों के अधीक्षक और अधिकारी शामिल हैं, जहां ऐसे विदेशी बंद हैं। अदालत के इस आदेश से एक राहत की बात है। हिरासत में लिए गए और इन शर्तों के तहत रिहा होने के पात्र लोगों के परिवारों को खुद अधिकारियों से संपर्क नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि अब इन अधिकारियों पर जिम्मेदारी स्थानांतरित कर दी गई है।

पिछले साल जारी किए थे कुछ नियम और शर्तें
आपको बता दे कि हाईकोर्ट ने पिछले साल सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार, पात्र बंदियों के निर्धारण और रिहाई के लिए असम के सभी फॉरेनर्स डिटेंशन सेंटर के लिए कुछ दिशा-निर्देश जारी किए थे। कोर्ट ने संबंधित पुलिस अधीक्षक (सीमा) को निर्देश जारी किए थे कि वे अपने अधिकार क्षेत्र के तहत ऐसे बंदियों के नाम और हिरासत की अवधि की जानकारी लें, जिन्होंने हिरासत में 2 साल से अधिक अव‌धि पूरी कर ली है। और वे जमानत पर रिहाई के लाभ का दावा किया है और इसके बाद आवश्यक कदम उठाए। इसके लिए कुछ शर्तें और नियम में जारी किए गए थे।

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