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डायबिटिक मरीजों को डाॅक्टर्स की चेतावनी, नहीं किया कंट्रोल तो चपेट में लेगा ब्लैक फंगस

देश में ब्लैक फंगस को लेकर डाॅक्टर्स ने चेतावनी जारी की है। एम्स, नीति आयोग एवं दूसरे मेडिकल संस्थानों की ने कहा है कि ब्लैक फंगस यानी म्यूकरमाइकोसिस से बचाव की काफी जरुरत है। जिसकी वजह से कोरोना से मरने वाले लोगों के आंकड़ों में कोई कमी नहीं आई है।

Saurabh Sharma

May 16, 2021

Govt given big warning about black fungus as Corona case is reduced
Govt given big warning about black fungus as Corona case is reduced

नई दिल्‍ली। बीते कुछ दिनों से देश में कोरोना के केस लगातार कम हो रहे हैं। बीते 10 दिनों में कोरोना के आंकड़े 4 लाख से 3 लाख पर आए हैं। सरकार की ओर से जारी हुए आंकड़ों में इसे राहत की सांस देने वाला कहा है। वहीं दूसरी ओर देश को ब्लैक फंगस को लेकर चेतावनी भी जारी की है। सरकारी संस्था नीति आयोग एवं एम्स के डाॅक्टर्स ने ब्लैक फंगस यानी म्यूकरमाइकोसिस को लेकर चेतावनी भी जारी की है। यह चेतावनी डायबिटिक मरीजों के लिए है। जिन्हें सबसे ज्यादा बचने की जरुरत है। जिसकी वजह से कोरोना से मरने वाले लोगों के आंकड़ों में कोई कमी नहीं आई है। आइए आपको भी बताते हैं कि ब्लैक फंगस को लेकर नीति आयोग और डॉक्टर्स की ओर किस तरह की चेतावनी जारी की है।

डायबिटिक मरीजों को ज्यादा खतरा
नीति आयोग के मेंबर डॉ. वीके पॉल ने मीडिया रिपोर्ट में कहा कि ब्‍लैक फंसग को रोकने के लिए सरकार काफी कदम उठा रही है। वहीं उन्होंने चेतावनी भी दी है कि इससे सबसे ज्यादा डायबिटिक रोगियों को सबसे ज्यादा खतरा है। ऐसे में मरीजों को डायबिटीज को संतुलित रखना काफी जरूरी है। ऐसा ना करने पर डेथ रेट में इजाफा होता है। यह तब ज्यादा देखने को मिलता है जब कोविड के मरीजों को स्टेरॉयड दिया जा रहा हो। उन्होंने कहा कि कि इस बीमारी से लड़ऩे के तरीकों में ज्यादा जानकारी नहीं है। ये एक उभरती हुई समस्‍या है और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की ओर से भी डाटा कलेक्ट करना शुरू कर दिया है और राज्यों को भी ऐसा करने को कहा है।

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ब्लैक फंगस में 2.5 गुना का इजाफा
चंडीगढ़ स्थित पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. अरूणालोके चक्रवर्ती ने मीडिया रिपोर्ट में कहा है कि पिछले साल सितंबर से दिसंबर के मुकाबले ब्‍लैक फंगस के मामलों में 2.5 गुना का इजाफा हो गया है। उन्होंने कहा कि फंगल इंफेक्शन स्टडी फोरम का एक अहम हिस्सा है।

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गुजरात से आ रहे है ब्लैक फंगस के मामले
एम्स के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने मीडिया रिपोर्ट में कहा कि दिल्ली के एम्स में भी ब्लैक फंगस के 18-20 मरीजों का इलाज चल रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले साल कोरोना की पहली वेव में इस तरह के केस देखने को नहीं मिले थे। कई लोगों को कोरोना नेगेटिव होने के बाद भी ब्लैक फंगस बॉडी में बनी रहती है। उनके अनुसार ब्लैक फंगस के सबसे ज्यादा केस गुजरात से आए हैं। ब्लैक फंगस वाले 5-10 फीसदी ऐसे मरीज भी हैं जिन्हें कोरोना के इलाज के दौरान हॉस्पिटल में भर्ती नहीं कराया गया था।