
Delhi Govt asks hospitals to increase mortuary capacity
नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी ( coronavirus cases in Delhi ) से जूझती राजधानी दिल्ली में आने वाले दिनों में लगता है हालात बहुत बिगड़ने वाले हैं। शायद यही वजह है कि दिल्ली सरकार के एक पैनल ने अस्पतालों से मुर्दाघर की क्षमता ( hospital mortuary ) बढ़ाने के साथ ही शवों को रखने के लिए रेफ्रिजरेटेड कंटेनर लगाने की सिफारिश की है। इससे पहले रविवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ( Arvind Kejriwal ) के साथ बैठक के बाद गृह मंत्री अमित शाह ( home minister amit shah ) के आदेश पर आनंद विहार रेलवे स्टेशन ( anand vihar railway station ) से ट्रेनों का संचालन बंद कर दिया गया और यहां पर मरीजों ( Covid-19 Patients ) के लिए 8000 आइसोलेशन बेड्स वाले 500 COVID-19 रेलवे कोच तैनात कर दिए गए। जबकि साउथ दिल्ली में 10,000 बेड्स के अस्थायी परिसर को तैयार किया जा रहा है।
हाल ही में दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल ने अपने शवगृह में जगह खत्म होने के बाद शवों को रखने के लिए एक रेफ्रिजरेटेड कंटेनर को खरीदा है। बीते सप्ताह दिल्ली सरकार द्वारा बनाए गए पैनल के अध्यक्ष डॉ. महेश वर्मा ने साउथ दिल्ली म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन (SDMC) कमिश्नर ज्ञानेश भारती और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में DGHS डॉ. आर वर्मा ने COVID-19 का इलाज करने वाले चार प्रमुख अस्पतालों का दौरा किया था। इनमें लोक नायक अस्पताल, गुरु तेग बहादुर अस्पताल, सफदरजंग अस्पताल और डॉ. आरएमएल अस्पताल शामिल हैं।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने एएनआई को बताया कि बीते शुक्रवार को मेडिकल कॉलेजों वाले इन अस्पतालों का दौरा करने के दौरान पूरी तैयारी देखने के बाद समिति ने कई सिफारिशें की। इनमें बेड की संख्या बढ़ाने के साथ ही समिति ने शवों को रखने के लिए मुर्दाघर की क्षमता बढ़ाए जाने का सुझाव दिया। समिति ने राज्य सरकार से सिफारिश की है कि जरूरत पड़ने पर आरएमएल की तरह अन्य स्थानों पर रेफ्रिजरेटेड कंटेनरों को लगाना एक बेहतर समाधान है।
उन्होंने आगे बताया कि समिति ने सरकार से हर अस्पताल में विशिष्ट व्यवस्थाएं बनाने की भी सिफारिश की है। इनमें अधिक मानव संसाधन (एचआर), चिकित्सा आपूर्ति, डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिक्स, तकनीशियन की भर्ती, कोरोना टेस्टिंग के लिए प्रयोगशालाओं को मजबूत बनाना आदि शामिल हैं।
बीते 2 मई को दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस के प्रबंधन के लिए पांच-सदस्यीय समिति गठित की थी। इन्हें दिल्ली में अस्पतालों की पूरी तैयारियों को देखना, स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में वृद्धि और किसी अन्य क्षेत्र में जहां स्वास्थ्य सुविधाओं की आधारभूत संरचना के मजबूत बनाने बेहतर के लिए आवश्यक है के प्रबंधन की जिम्मेदारी दी गई थी।
दिल्ली सरकार का अनुमान है कि आने वाले दिनों में दिल्ली में जुलाई के अंत तक पांच लाख से अधिक COVID-19 मामले देखने को मिल सकते हैं। इन मरीजों के लिए 80,000 बिस्तरों की जरूरत होगी। समिति के अनुमान के मुताबिक वर्तमान में दिल्ली में कोरोना वायरस मामलों के दोगुने होने की दर 14-15 दिनों की है।
राजधानी के गंभीर हालात देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्च-स्तरीय बैठक की थी। इस दौरान दिल्ली सरकार को शाह ने तुरंत 500 COVID-19 रेल कोच उपलब्ध कराने का आदेश दिया है। इनमें COVID-19 मरीजों के लिए इनमें 8,000 आइसोलेशन बेड मौजूद हैं। वहीं, केंद्र सरकार ने 2 दिन में परीक्षण दोगुना और 6 दिनों में तिगुना परीक्षण करने का आदेश भी दिया है।
जबकि इस बैठक के बाद दिल्ली के उप-राज्यपाल अनिल बैजल ने छतरपुर स्थित राधास्वामी सत्संग ब्यास का दौरा किया और यहां पर 10,000 बेड वाले अस्थायी केंद्र के निर्माण कि तैयारियों का जायजा लिया।
इस बीच नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है। यह समिति निजी अस्पतालों के कोरोना बेड की 60 फीसदी उपलब्धता कम दरों पर सुनिश्चित करने और कोरोना परीक्षण और उपचार की दर तय करने का काम करेगी।
गौरतलब है कि पिछले 24 घंटों में दिल्ली में पहली बार सर्वाधिक 2,224 नए मामले सामने आए हैं। अब राजधानी में कोरोना मामलों की कुल संख्या 41,182 ( coronavirus cases in Delhi ) हो गई है। जबकि जानलेवा वायरस ने अब तक 1327 लोगों की जान ले ली है।
Updated on:
15 Jun 2020 01:00 pm
Published on:
15 Jun 2020 12:45 pm
बड़ी खबरें
View Allविविध भारत
ट्रेंडिंग
