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डॉ. हर्षवर्धन बोले- कोरोना संकट के बीच दवाओं तक सस्ती पहुंच सुनिश्चित करने की जरूरत

केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के कार्यकारी बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में अपना कार्यकाल पूरा कर लिया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि WHO को प्रमुख दवाओं तक सस्ती पहुंच सुनिश्चित करने के तरीके खोजने चाहिए।

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Harsh Vardhan said WHO Must find ways to ensure affordable access to key drugs amid COVID 19

नई दिल्ली। कोरोना महामारी के प्रकोप से पूरी दुनिया में हाहाकार मचा है। हर दिन हजारों की संख्या में लोगों की मौत हो रही है, तो वहीं लाखों लोग इससे संक्रमित हो रहे हैं। वहीं, दूसरी तरह इस महामारी से मुकाबला करने के लिए पूरे विश्व में व्यापक स्तर पर कोविड टीकाकरण पर जोर दिया जा रहा है।

लेकिन, अब तक उपलब्ध कोविड वैक्सीन या दवा का वितरण अधिक से अधिक उन देशों तक हो पाया है जिनकी आर्थिक स्थिति सही है। गरीब और पिछड़े देशों में वैक्सीन की बहुत कम मात्रा आपूर्ति हो पाई है। इसका मुख्य कारण वैक्सीन की कीमत है। चुंकी वैक्सीन की कीमत अधिक होने की वजह से गरीब देश इसे खरीद नहीं पा रहे हैं। ऐसे में पूरी दुनिया को मिलकर यह सुनिश्चित करना पड़ेगा की सभी तक सही अनुपात में वैक्सीन पहुंचे।

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इस बीच केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के कार्यकारी बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में अपना कार्यकाल पूरा कर लिया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि उद्योगों के लिए COVID-19 टीकों के बौद्धिक संपदा अधिकारों (IPR) से चिपके रहने की कोई गुंजाइश नहीं है। तमाम संगठनों को प्रमुख दवाओं तक सस्ती पहुंच सुनिश्चित करने के तरीके खोजने चाहिए।

बुधवार को कार्यकारी बोर्ड के 149वें सत्र में बोलते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा "वर्तमान महामारी जैसे महत्वपूर्ण समय में उद्योगों के लिए बौद्धिक संपदा अधिकारों (आईपीआर) से चिपके रहने की कोई गुंजाइश नहीं है। कभी-कभी हम पाते हैं कि सहयोगात्मक अनुसंधान की इच्छा उद्योगों में बहुत कम होता है। डब्ल्यूएचओ को विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) जैसे अन्य संगठनों के साथ मिलकर ऐसी महत्वपूर्ण समय में प्रमुख दवाओं तक सस्ती पहुंच सुनिश्चित करने के तरीके खोजने चाहिए।

समानरूप से वैक्सीन वितरण करना सबसे बड़ी चुनौती: डॉ. हर्षवर्धन

डॉ. हर्षवर्धन ने आगे कहा कि वर्तमान परिस्थिति में समान रूप से पूरे विश्व में वैक्सीन का वितरण करना हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती है। मेरा मानना है कि हम शक्तिहीनों और बेजुबानों की सेवा करने के लिए WHO में एकत्रित हुए हैं। हमें इस अंधेरे में आशा की किरण तलाशनी चाहिए। यह समय एक दूसरे का सहयोग करने और यह दिखाने का है कि दुनिया एक है। उन्होंने महामारी के दौर में सभी सदस्य देशों को लगातार समर्थन देने के लिए डब्ल्यूएचओ की भूरी-भूरी प्रशंसा की।

उन्होंने आगे कहा, 'हमें यह समझना होगा कि आने वाले 2 दशकों तक हमें कई स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना करना है। इसलिए हमें विवेक के साथ काम करना होगा। इन चुनौतियों से निपटने के लिए हमें एक दूसरे के सहयोग से साथ काम करना होगा और WHO को इसमें अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी।'

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डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, 'स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करने के लिए समय की सबसे बड़ी जरूरत है कि सभी देशों द्वारा विचारों को साझा किया जाए। ऐसे गंभीर वैश्विक संकट में, जोखिम प्रबंधन और शमन दोनों के लिए वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य में रुचि और निवेश को फिर से जगाने के लिए वैश्विक भागीदारी को और मजबूत करने की आवश्यकता है।'

संगठन के साथ काम करना गर्व की बात: हर्षवर्धन

बता दें कि डॉ. हर्षवर्धन ने कार्यकारी बोर्ड के 149वें सत्र के साथ अध्यक्ष के रूप में अपना कार्यकाल पूरा किया। इस दौरान उन्होंने कहा, 'पिछले एक साल में कार्यकारी बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में काम करना मेरे लिए सम्मान की बात रही...मैं काफी भावुक महसूस कर रहा हूं। क्योंकि महामारी संकट और आर्थिक उथल-पुथल के बीच बहुत सारे काम किए जाने बाकी हैं।' अब इस पर पर केन्या के स्वास्थ्य मंत्रालय के कार्यकारी डायरेक्टर जनरल डॉक्टर पैट्रिक एमथ होंगे।


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