
ICMR clarifies on on COVID 19 Vaccine launch
नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic ) के बीच इसकी वैक्सीन बनाने में दुनियाभर की कंपनियां जुटी हुई हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक विश्व भर में 147 वैक्सीन पर काम चल रहा है, जबकि 17 वैक्सीन इंसानी परीक्षण के चरण में हैं। इस सबके बीच इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) 15 अगस्त तक कोरोना वायरस के स्वदेशी टीके ( covid-19 vaccine ) की लॉन्चिंग की खबर ने चिकित्सा विशेषज्ञों को हैरान कर दिया। हालांकि अब काउंसिल ने इस संबंध में स्पष्टीकरण देकर बताया है कि महानिदेशक के पत्र का मतलब वैक्सीन को जल्दी लाने के लिए हर संभव प्रयास के साथ ही लाल फीताशाही को इसमें बाधा नहीं बनने देना है।
दरअसल, आईसीएमआर ( ICMR News ) द्वारा देश के इंस्टीट्यूट्स को कोविड वैक्सीन के परीक्षण को लेकर पत्र लिखने के बाद स्वास्थ्य विशेषज्ञों में ही नहीं बल्कि राजनेताओं में भी इस बाबत बहस छिड़ गई। सरकार पर टीके को जल्दबाजी में लाने के लिए स्वास्थ्य मानकों की अवहेलना किए जाने का भी आरोप लगाया जाने लगा। इन सबके बाद ICMR द्वारा एक बयान जारी किया गया, जिसके मुताबिक वैक्सीन निर्माण की प्रक्रिया को वैश्विक स्तर के स्वीकृत मानदंडों के अनुरूप ही चलाया जा रहा है और लोगों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।
ICMR द्वारा जारी ताजा बयान के मुताबिक काउंसिल वैक्सीन विकसित करने के लिए दुनियाभर में इस्तेमाल की जाने वाली प्रक्रिया का ही पालन करते फास्टट्रैक ट्रायल अपना रही है। इसके अंतर्गत इंसानों-पशुओं पर टीके का एक ही साथ ट्रायल ( Coronavirus vaccine clinical trial ) किया जाता है।
काउंसिल के मुताबिक फर्स्ट स्टेज की प्री-क्लीनिकल स्टडी पूरी हो गई है। अब इस वैक्सीन का सेकेंड स्टेज में इंसानों पर ट्रायल किया जाना है। समयबद्ध ढंग से वैक्सीन पाने के लिए इस प्रॉसेस में लाल फीताशाही को बाधा नहीं बनने दिया जाएगा। जनता तक इस टीके को जल्द से जल्द पहुंचाने के लिए कोई फॉर्मैलिटी नहीं की जा रही है। सभी कार्य वैज्ञानिक ढंग से तेज गति से से किए जा रहे हैं।
आईसीएमआर ने आगे बताया कि इस संबंध में महानिदेशक द्वारा चुने गए इंस्टीट्यूट्स को पत्र लिखने का मतलब यह था कि फाइलों के धीरे-धीरे खिसकने की प्रक्रिया कम करने के साथ इसके प्रयोग की प्रक्रिया तेजी से पूरी की जा सके।
गौरतलब है कि बीते दो जुलाई को ICMR के महानिदेशक बलराम भार्गव ने चुने हुए इंस्टीट्यूट्स को एक पत्र लिखा। इस पत्र के जरिये इन्हें सूचना दी गई है कि काउंसिल ने हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (बीबीआईएल) के साथ स्वदेशी कोविड-19 वैक्सीन (BBV152 COVID-19 Vaccine ) के तेज गति से ट्रायल के लिए पार्टनरशिप की है।
पत्र में उल्लेख किया गया कि यह BBV152 भारत द्वारा विकसित किया जा रहा पहला स्वदेशी वैक्सीन है। यह वैक्सीन सर्वोच्च प्राथमिकता वाली परियोजनाओं में से एक है। इसकी निगरानी केंद्र सरकार (centre govt ) द्वारा शीर्ष स्तर पर की जा रही है। पत्र के मुताबिक सभी क्लीनिकल ट्रायल के पूरा होने के बाद 15 अगस्त 2020 ( 15 August ) तक सार्वजनिक स्वास्थ्य उपयोग के लिए इस वैक्सीन को लॉन्च करने की परिकल्पना कर ली गई है। बीबीआईएल तेजी से काम कर रहा है ताकि लक्ष्य को पूरा किया जा सके। हालांकि अंतिम परिणाम इस परियोजना में शामिल सभी क्लीनिकल ट्रायल साइट्स के सहयोग पर निर्भर करेगा।
Updated on:
05 Jul 2020 08:34 am
Published on:
05 Jul 2020 08:26 am
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