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भारत सरकार की नई गाइडलाइंस के मुताबिक अगर विमान के अंदर किसी भी लाइन में कोई व्यक्ति संक्रमित पाया जाता है तो उस पूरी लाइन में बैठे सभी यात्रियों को इंस्टीट्यूशन क्वारंटीन में रहना होगा। जिसके चलते यात्रा बहुत लंबी हो सकता है। मिली जानकारी के मुताबिक सरकार ने ये फैसला कोरोना के नए स्ट्रेन को देश में फैसले से बचाने के लिए लिया है। इसके अलावा देश के सभी एयरपोर्ट पर खास इंतजाम किए गए हैं।
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मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सभी पैसेंजर का RT-PCR टेस्ट हो रहा है। जिनइस्ट्रिंग लैब (हवाई अड्डे पर कोरोना टेस्ट करने वाला लैब) की संस्थापक डॉ गौरी अग्रवाल ने मीडिया से बताया कि सभी यात्रियों का RT-PCR टेस्ट किया जा रहा है और रिपोर्ट आने तक उन्हें रोका जा रहा है।
डॉ अग्रवाल ने बताया कि कल से अब तक ब्रिटेन से आए लोगों मे अबतक 5 की रिपोर्ट पॉजेटिव आई है। हालांकि अभी तक इनके जीनोम सीक्वेंस की रिपोर्ट नहीं आई है। हमने उनके सैंपल को NCDC भेजा जा है, जल्द ही इसका भी परिणाम पता चल जाएगा। उन्होंने बताया कि रिजल्ट आने के बाद ही पता चल पाएगा की इनमें कोरोना का नया स्ट्रेन है या नहीं।
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बता दें एक RT-PCR टेस्ट करने में केवल 30 सेकेंड का वक्त लगता है लेकिन इसकी रिजल्ट आने में चार से छह घंटे का समय लग जाता है। वहीं जीनोम सीक्वेंस की रिपोर्ट में आने में कई दिन भी लग सकते हैं।