
गालवान घाटी और गोगरा हाइट्स में चीनी सैनिकों की संख्या में भारी कमी आई है।
नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख क्षेत्र ( East Ladakha Area ) में भारत और चीनी ( India and China ) सैनिकों की विघटन प्रक्रिया ( Disengagement Precess ) अभी समाप्त नहीं हुई है। इस बीच भारतीय सेना ( Indian Army ) के फिजिकल वेरिफिकेशन ( physical verification ) में खुलासा हुआ है कि हॉट स्प्रिंग्स, पैंगॉन्ग त्सो और डेपसांग प्लेन्स एरिया, फिंगर-4 और 5 ( Hot Springs, Pangong Tso and Depsang Plains Area, Finger-4 and 5 ) में कई की-प्वाइंटों पर चीनी सैनिकों की मौजूदगी बरकरार है। कुछ की- प्वाइंटों ( Key-Points ) पर एलएसी के अंदर चीनी सैनिकों ( Chinese Army ) द्वारा बनाए गए ढांचे भी अभी मौजूद हैं।
हालांकि चीनी सैनिकों की संख्या कई स्थानों पर कम हो गई है। गालवान घाटी ( Galwan Valley ) और गोगरा हाइट्स ( Gogra heights ) में चीनी सैनिकों की संख्या में भारी कमी आई है। पैंगोंग त्सो में डिसइनगेजमेंट की प्रक्रिया जारी है। फिंगर-5 और फिंगर-4 की हाइट्स पर चीनी सैनिकों की मौजूदगी के कारण भारतीय सेना फिंगर 2 और 3 से आगे नहीं बढ़ पाई हैं।
इस बात को ध्यान में रखते हुए इस एरिया में सेना पूरी तरह से अलर्ट मोड ( Alert Mode ) में है। भारतीय सेना ( Indian Army ) ने चीनी सैनिकों को सभी क्षेत्रों से पीछे हटने को कहा है।
सेना के फिजिकल वेरिफिकेशन से इस बात का पता चला है कि पैट्रोल पॉइंट-15 और Hot Springs एरिया में चीनी टेंट और ढांचे एलएसी के 2 किलोमीटर अंदर तक अभी भी बरकरार हैं।
इसके अलावा हॉट स्प्रिंग, पैंगोंग त्से और डेपसांग चीनी टुकड़ी मौजूद हैं। यह मुद्दा चौथे चरण के कोर कमांडर लेवल की बातचीत ( Conversation of the fourth stage corps commander ) में उठाया गया था।
वहीं दोनों देशों के बीच विश्वास-निर्माण को बढ़ाना देने के लिए इस बात पर सहमति थी कि हॉट स्प्रिंग्स पर तैनात सैनिकों की संख्या को दोनों तरफ से 50 तक लाने की जरूरत है। जहां तक डेपसांग एरिया ( Depsang Area ) की बात है तो में यहां पर चीनी सैनिक एलएसी की बिल्कुल करीब हैं।
डेपसांग में बॉटलनेक प्वाइंट ( Bottleneck point ) एलएसी के अंदर भारतीय एरिया में हैं। बॉटलनेक प्वाइंट सेना के नियंत्रण में है। लेकिन इस क्षेत्रों में चीनी सैनिक कभी भी बाधाएं खड़ी कर सकती हैं।
अभी तक चार बार संपन्न कोर कमांडर स्तरीय वार्ता में विवादित क्षेत्र में 2 से तीन 3 किलोमीटर की दूरी पर सेनाओं की मौजूदगी पर सहमति बनी है। दोनों पक्ष अगले महीने तक पैदल गश्त न करने पर भी सहमत हुए हैं। जानकारी के मुताबिक अगले सप्ताह विघटन के एक संयुक्त सत्यापन ( Joint Verification ) की योजना बनाई गई है।
Updated on:
18 Jul 2020 07:59 pm
Published on:
18 Jul 2020 06:22 pm
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