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चीन से बाहर आने वाली कंपनियों पर भारत क नजर, दिया लक्समबर्ग से दुगनी जमीन का ऑफर

प्राणघातक बना कोरोना वायरस ( Coronavirus ) का असर अब वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी US और जापान समेत कई देशों की कंपनियों का चीन ( China ) से मोह भंग हो गया

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चीन से बाहर आने वाली कंपनियों पर भारत क नजर, दिया लक्समबर्ग से दुगनी जमीन का ऑफर

चीन से बाहर आने वाली कंपनियों पर भारत क नजर, दिया लक्समबर्ग से दुगनी जमीन का ऑफर

नई दिल्ली। भारत समेत दुनिया के तमाम देशों के लिए प्राणघातक बना कोरोना वायरस ( coronavirus ) का असर अब वैश्विक अर्थव्यवस्था ( Global Economy ) पर भी पड़ता नजर आ रहा है।

इसी का नतीजा है कि अमरीका ( US ) और जापान ( Japan ) समेत कई देशों की बड़ी-बड़ी कंपनियों का चीन से मोह भंग हो गया है और अब वो दक्षिणपूर्व एशिया ( Southeast Asia ) के अन्य देशों का रुख कर रही हैं।

आलम यह है कि जापान ने तो चीन से स्वदेश शिफ्ट करने वाली कंपनियों के लिए बड़े पैकेज की घोषणा भी कर दी है।

वहीं, भारत वैश्विक माहौल में आए इस बदलाव को एक अवसर के रूप में बदलने को तैयार है। यही वजह है कि भारत एक लैंड पूल विकसित कर रहा है।

इसके चलते भारत ने चीन से बाहर आ रही कंपनियों को लक्ज़मबर्ग ( Luxembourg ) के आकार को दोगुनी जमीन का प्रस्ताव दिया है।

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इस उद्देश्य के लिए देश भर में 461,589 हेक्टेयर क्षेत्र की पहचान की गई है। पहचान उजागर न करने की शर्त पर कुछ लोगों ने बताया कि इसमें गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में 115,131 हेक्टेयर मौजूदा औद्योगिक भूमि शामिल है।

विश्व बैंक के अनुसार, लक्ज़मबर्ग 243,000 हेक्टेयर में फैला हुआ है। आपको बता देें कि भारत में निवेश करने वाली कंपनियों के लिए यहां भूमि अधिग्रहण में देरी सबसे बड़ी बाधाओं में से एक रही है।

यही वजह है कि सऊदी अरामको से पॉस्को तक भूमि अधिग्रहण में देरी की वजह से काफी निराश रहीं हैं।

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हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस विषय पर राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। ताकि कोरोना वायरस के परिणामस्वरूप निवेशकों की चीन पर निर्भरता कम हो और वो भारत की ओर को रुख करें। आपको बता दें कि मौजूदा समय में निवेशक भारत में एक कंपनियां स्थापित करने के इच्छुक हैं।


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