scriptसंकट को अवसर में बदलने में माहिर हैं हिंदुस्तानी | Indian specializes in turning crisis into opportunity | Patrika News

संकट को अवसर में बदलने में माहिर हैं हिंदुस्तानी

locationनई दिल्लीPublished: Jun 18, 2020 09:21:48 pm

Submitted by:

shailendra tiwari

पत्रिका कीनोट सलोन में बोले म्युचल फंड एसोसिएशन के चेयरमैन
दुनिया के सामने नया इन्वेस्टमेंट डेस्टिनेशन बन सकता है हमारा देश

Nilesh Shah
नई दिल्ली.

एसोसिएशन ऑफ म्यूचल फंड्स इन इंडिया के चेयरमैन और कोटेक एएमसी लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टऱ नीलेश शाह ने देश के मौजूदा हालात में निवेश की संभावनाओं और ग्रोथ पर चर्चा करते हुए कहा कि निश्चित रूप से देश इन दिनों विकट स्थितियों से जूझ रहा है। इन्हीं मुश्किल हालात को हमें अवसर में बदलना है और ये देश को बखूबी आता है। उन्होंने कहा कि आने वाले वक्त में भारत तेजी के साथ आ त्मनिर्भरता की ओर बढ़ेगा।
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कोटेक एएमसी लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टऱ नीलेश शाह गुरुवार को पत्रिका कीनोट सलोन में सवालों का जवाब दे रहे थे। शो का मॉडरेशन पत्रिका के विशाल सूर्यकांत और कुणाल डांडिया ने किया। इस मौके पर नीलेश ने कहा कि चीन से तनाव बढ़ने के बाद भारत के आत्म निर्भर अभियान का असर ये होगा कि भारत अभी तक जो चीन से हम 60 बिलियन डॉलर का घाटा चला रहा था, उस पर लगाम लगेगी। अगर हम मेड इन चाइना को मेड इन इंडिया से बदल पाए तो ये सबसे बड़ा मुनाफा होगा। दूसरी बात ये है कि फिलहाल कच्चे तेल के दाम काबू में हैं और इससे भारत के तेल आयात का बिल काबू में रहेगा। भारत हर साल डेढ़ अरब बैरल तेल का आयात करता है और ऐसे में भारत को इसको कच्चे तेल में दामों की गिरावट का फायदा मिलेगा।
सोने का आयात कम होना बेहतर खबर
नीलेश शाह ने कहा कि कोविड—19 की पाबंदियों के कारण भारत के गोल्ड इंपोर्ट में 95 फीसदी तक की कमी आई है। इसका फायदा देश को मिलेगा। पिछले दिनों पैकेज अनाउंस हुआ है, उसका असर जल्द से जल्द जमीन पर दिखाई देने लगेगा। इस समय भारत में ब्याज दर भी आरबीआई ने काफी कम कर दी है। इसका फायदा रीयल इस्टेट में जल्द नजर आएगा और देश का यह सेक्टर तेजी से आगे बढ़ने की संभावना है। आज दुनिया का सबसे ज्यादा गोल्ड रिजर्व भारत में है, यह आर्थिक तौर पर मजबूत बनाता है। एक समय था कि जब भारत में फारेन रिजर्व इतना कम हो गया था कि हमें आईएमएफ को अपना गोल्ड रिजर्व गिरवी रखना पड़ा था पर आज भारत के पास 500 अरब डॉलर का फॉरेन रिजर्व है। इस मामले में भारत दुनिया के टॉप पांच देशों में पहुंच चुका है।
नया निवेश नई संभावनाएं लाएगा
नीलेश शाह ने कहा कि यह वक्त है कि जब हमें नए सिरे से विदेशी निवेश के बारे में सोचना चाहिए। एक बड़ा कारोबारी वर्ग है जो चीन से बाहर निकलना चाहता है। ऐसे में इन कंपनियों को भारत में लाने के लिए हमें बेहतर विकल्प सुझाने होंगे। हम एक नए विकल्प के तौर पर खड़े हो रहे हैं। चीन ने दुनिया को कोरोना दिया है और हमने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन। तो ऐसे में हम पूरी दुनिया के सामने आशावादी सोच के साथ खड़े हुए हैं। अगर हम निर्णय कर लें कि देश को आगे ले जाना है तो यह आपदा अवसर में बदल जाएगी।

कंपनियों को बेहतर विकल्प दें
नीलेश ने एक उदाहरण देते हुए कहा कि सैमसंग कंपनी आज भारत में भी है और वियतनाम में भी। लेकिन वियतनाम में जाने से पहले सैमसंग यहां आई थी, लेकिन वह यहां पर बेहतर मौजूदगी दर्ज नहीं करा पाई, जितनी कि वियतनाम पर दर्ज कराई। आज वियतनाम से सैमसंग पूरी दुनिया में अपने उत्पाद बनाकर भेजती है। उसका वियतनाम में उत्पादन भारत से पांच गुना से ज्यादा है। जबकि वियतनाम की अर्थव्यवस्था भारत से 10 गुनी छोटी है। ऐसे में हमें कंपनियों की जरूरत और उसके लिए बेहतर विकल्प सुझाने होंगे, तभी हम एक बेहतर विकल्प बन पाएंगे। उन्होंने कहा कि आज हमारे देश में कारोबारी को दो मोर्चों पर लड़ना पड़ता है। एक घर के भीतर और एक घर के बाहर। हमें जो मदद कंपनियों को देनी चाहिए, वह समय पर उपलब्ध नहीं है, जिसके कारण कई कंपनियां दम तोड़ देती हैं।

(डिस्क्लेमर : फेसबुक के साथ इस संयुक्त मुहिम में समाचार सामग्री, संपादन और प्रकाशन पर पत्रिका समूह का नियंत्रण है)

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